Masik Shivratri 2022: हिंदू पंचांग के मुताबिक, हर महीने शिवरात्रि का पर्व (Festival) मनाया जाता हैं, जिसे मासिक शिवरात्रि कहते हैं. हर महीने के कृष्‍ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है. इस बार पौष मास में मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri Vrat) 21 दिसंबर 2022, बुधवार को पड़ रही है. मासिक शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा अर्चना की जाती है. ऐसा करने से व्यक्ति का कल्याण होता है. इसके साथ साथ उसे आर्थिक व मानसिक लाभ की प्राप्ति होती है.

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हिंदू धर्म की मान्यता के मुताबिक, मासिक शिवरात्रि के दिन जो भक्त शिव पूजन करते हैं. उसकी हर मनोकामना पूरी होती है. चलिए बताते हैं मासिक शिवरात्रि पर कैसे की जाती है शिव पूजा.

मासिक शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त

इस दिन सुबह से ही भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है. शिव जी की पूजा करने के लिए पंचांग देखने की जरूरत नहीं होती. 21 दिसंबर को मासिक शिवरात्रि पूजा का शुभ समय रात 11 बजकर 52 मिनट से देर रात 12 बजकर 47 मिनट तक है.

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शिवरात्रि पर भद्रा

आपको बता दें कि 21 दिसंबर को मासिक शिवरात्रि के दिन रात में भद्रा भी लग रही है. इस दिन रात 10 बजकर 16 मिनट से अगले दिन सुबह 07 बजकर 10 मिनट तक भद्रा रहेगी.

मासिक शिवरात्रि पर कैसे करें शिव पूजन 

-मासिक शिवरात्रि के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करें. फिर बाद में भगवान शिव का ध्‍यान करें और व्रत का संकल्‍प लें.

-पूजा के समय शिवलिंग पर गंगाजल, जल, शहद, दही, शकर और शुद्ध घी अर्पित करें और शिव परिवार का पूजन करें.

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-पूजा के दौरान बिल्वपत्र, पुष्प, श्रीफल और धतूरा आदि चढ़ाएं.

– धूप, दीप से भगवान शिव के साथ देवी पार्वती की आरती करें.

-अब इसके बाद मिठाई और फल का भोग लगाएं.

– मंत्र- ‘ॐ नम: शिवाय’

– ‘शिवाय नम:’

– ‘ॐ नमः शिवाय शुभं शुभं कुरू कुरू शिवाय नमः ॐ’। आदि का जाप का उच्चारण करें.

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-भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने के बाद रात को जागरण तथा अगले दिन स्नान से निवृत्त होकर पूजन करके ब्राह्मण को दान-दक्षिणा दें और पारणा करके व्रत को पूर्ण करें.

-इस दिन शिवाष्टक, शिव स्तुति, श्लोक, शिव चालीसा या शिव पुराण का पाठ जरूर करें.

– इस दिन दान-पुण्य के कार्य करें.सायंकाल में फलाहार लें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)