Devshayani Ekadashi 2022: हर एकादशी (Ekadashi) को अलग-अलग नामों से जाना जाता है. आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी (Ekadashi 2022) को देवशयनी कहा जाता है. इस बार देवशयनी एकादशी 10 जुलाई को है. हिंदू धर्म में आषाढ़ के महीने में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का खास महत्व माना गया है. हिन्दू (Hindu) पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महीने में एकादशी दो बार आती है. हर महीने में पहली एकादशी कृष्ण पक्ष में और दूसरी शुक्ल पक्ष में पड़ती है. इस तरह साल में कुल 24 एकादशी आती है. यदि आप देवशयनी एकादशी का व्रत करते हैं. तो आपको कुछ विशेष नियम का पालन करने होंगे. तभी इस व्रत का आपको पूर्ण फल प्राप्त होगा.

देवशयनी एकादशी व्रत के नियम

1.इंडिया.कॉम न्यूज़ के अनुसार, जो लोग देवशयनी एकादशी का व्रत करने का विचार कर रहे हैं. उन्हें एक दिन पहले यानि 9 जुलाई से ही तामसिक भोजन बंद करना होगा. तामसिक पदार्थों में सिगरेट, शराब, लहसुन और प्याज आदि शामिल हैं.

2.देवशयनी एकादशी व्रत करते वक्त घर की उत्तर-पश्चिम दिशा में भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित कर पूजन करें. ऐसा करने से धन-धान्य में वृद्धि होती है.

3.एकादशी व्रत करते समय आप पीले रंग के कपड़े पहनें. ऐसा कहा जाता है कि भगवान विष्णु को पीला रंग अधिक प्रिय है और इससे वह प्रसन्न होते हैं.

4.देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी का पत्ता,पंचामृत, केसर, पीले फूल और हल्दी विशेष प्रयोग करना चाहिए.

5.आप विशेष ध्यान रखें कि इस दिन आप दाढ़ी, नाखून और बाल नहीं काटे. इसके अलावा एकादशी के दिन तेल और साबुन का प्रयोग करने की मनाही है.

देवशयनी एकादशी की तिथि और शुभ मुहूर्त

देवशयनी एकादशी तिथि की शुरुआत 09 जुलाई को शाम 04 बजकर 39 मिनट से होगी और एकादशी का समापन 10 जुलाई को दोपहर 02 बजकर 13 मिनट पर होगा. उदया तिथि के मुताबिक, देवशयनी एकादशी का व्रत 10 जुलाई को रखा जाएगा. इस व्रत के पारण का समय 11 जुलाई को सुबह 5: 56 से 8:36 मिनट तक है.

पूजा विधि

एकादशी के दिन सुबह स्नान आदि करने के बाद व्रत शुरू करने का संकल्प लें. इसके बाद एक मिट्टी का कलश स्थापित करें. इस कलश में पानी अक्षत और मुद्रा रखकर उसके ऊपर एक दीया रखें और उसमें चावल डालें. भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करें. प्रतिमा पर रोली और सिंदूर का टीका लगाकर अक्षत चढ़ाएं.

 Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.