Chaturthi in February 2023 Date: हिंदू धर्म में भगवान गणेश की पूजा प्रथम देवता के रूप में होती है. इसलिए किसी भी मांगलिक काम को करने से पहले भगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है. हर माह में दो चतुर्थी (Chaturthi) तिथियां होती हैं. कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी के रूप में जाना जाता है और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दोनों चतुर्थी का व्रत किया जाता है. हिंदू मान्यता के अनुसार, जो भक्त चतुर्थी का व्रत करता है. उसकी हर मनोकामना पूरी होती है. कहा जाता है कि उस इंसान को गणेश जी (Lord Ganesha) की पूजा करने से बल, बुद्धि और विद्या का आशीर्वाद मिलता है. इस लेख में हम आपको बताएंगे फरवरी में कब कौन सी चतुर्थी है.

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कब है द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी

इस बार फाल्गुन माह की शुरुआत 6 फरवरी 2023 से हो रही है. इस माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी (Dwijapriya Sankashti Chaturthi 2023) के नाम से जाना जाता है.

द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी तिथि

हिंदू पंचांग के अनुसार, द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी का व्रत 09 फरवरी को रखा जाएगा. इस दिन सूर्योदय सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर होगा.

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द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी 2023 पूजा मुहूर्त

बता दें कि द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी (09 फरवरी) के दिन सुकर्मा योग बना है. इस दिन सुबह से लेकर शाम 04 बजकर 46 मिनट तक सुकर्मा योग रहेगा. यह योग भगवान गणेश जी पूजा के लिए शुभ माना जाता है. इस दिन आप सुबह में गणेश जी की पूजा-अर्चना कर सकते हैं.

कब है विनायक चतुर्थी

हिंदू पंचांग के अनुसार शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी मनाई जाती है. इस दिन भगवान गणेश जी की पूजा करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और सुख, सौभाग्य और समृद्धि में वृद्धि होती है. इस बार फाल्गुन माह में विनायक चतुर्थी 23 फरवरी को है.

विनायक चतुर्थी और संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि

-चतुर्थी के दिन आप सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें.
-इसके बाद आप घर के मंदिर में सफाई कर दीप जलाएं.
-अब आप भगवान गणेश का गंगाजल से जलाभिषेक करें.
-इसके बाद भगवान गणेश को साफ वस्त्र पहनाएं.
-भगवान गणेश को सिंदूर का तिलक लगाकर दूर्वा अर्पित करें.

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-भगवान गणेश को दूर्वा बहुत प्रिय होता है, जो भी भक्त भगवान गणेश को दूर्वा अर्पित करता है. भगवान गणेश उस भक्त की सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं.

-भगवान गणेश की आरती कर भोग लगाएं.
-आप गणेश जी को लड्डूओं और मोदक का भोग लगा सकते हैं.
-चतुर्थी के दिन आप भगवान गणेश का ध्यान करें.
-यदि आप व्रत रख सकते हैं तो इस दिन व्रत रखें.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.