Bhadrapada 2022 Vrat Tyohar: हिंदू कैलेंडर के अनुसार, हर पूर्णिमा तिथि के अगले दिन नए महीने की शुरुआत होती है. सावन महीने की पूर्णिमा तिथि के बाद भाद्रपद या भादो महीने की शुरुआथ होगी. सावन महीने की पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है. इस साल भाद्रपद महीने की शुरुआत 31 अगस्त से हो रही है. वैष्णव संप्रदाय के लोगों के लिए सबसे बड़ा पर्व श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव भादो महीने में मनाया जाता है. सनातन धर्म शास्त्रों के श्रीकृष्ण और भगवान गणेश दोनों का जन्म हुआ था. इस महीने भी कई बड़े व्रत-त्योहार पड़ते हैं जिनके बारे में हम आपको विस्तार में बताते हैं.
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भाद्रपद मास में कौन-कौन से व्रत-त्योहार पड़ते हैं? (Bhadrapada 2022 Vrat Tyohar)
शास्त्रों में लिखा है कि भाद्रपद माह में भगवान विष्णु का अवतार श्रीकृष्ण का और भगवान शंकर के पुत्र गणेश जी का जन्म हुआ था. सनातन धर्म में इन दोनों ही भगवानों का खास महत्व बताया गया है. इनके जन्मोत्सव के अलावा कौन-कौन से व्रत-त्योहार पड़ने वाले हैं चलिए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.
तारीख | दिन | व्रत/त्योहार |
2 सितंबर 2023 | शनिवार | कजरी तीज |
3 सितंबर 2023 | रविवार | हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी |
4 सितंबर 2023 | सोमवार | रक्षा पंचमी |
5 सितंबर 2023 | मंगलवार | शिक्षक दिवस और हल षष्ठी |
6 सितंबर 2023 | बुधवार | बुधाष्टमी व्रत और कालाष्टमी |
7 सितंबर 2023 | गुरुवार | श्रीकृष्ण जन्माष्टमी और रोहिणी व्रत |
8 सितंबर 2023 | शुक्रवार | गोगा नवमी |
10 सितंबर 2023 | रविवार | अजा एकादशी |
12 सितंबर 2023 | मंगलवार | भौम प्रदोष व्रत |
13 सितंबर 2023 | बुधवार | मासिक शिवरात्रि |
14 सितंबर 2023 | गुरुवार | भाद्रपद की अमावस्या |
17 सितंबर 2023 | रविवार | विश्वकर्मा जयंती और वाराह जयंती |
18 सितंबर 2023 | सोमवार | हरतालिका तीज |
19 सितंबर 2023 | मंगलवार | गणेश चतुर्थी प्रारंभ |
23 सितंबर 2023 | शनिवार | राधा अष्टमी और दुर्गाष्टमी व्रत |
27 सितंबर 2023 | बुधवार | प्रदोष व्रत |
28 सितंबर 2023 | गुरुवार | गणेश विसर्जन और मिलाद उन-नबी |
29 सितंबर 2023 | शुक्रवार | भाद्रपद पूर्णिमा और महालय श्राद्ध पक्ष प्रारंभ |
आपकी जानकारी के लिए बता दें, यहां बताए गए सभी व्रत त्योहार बड़े हैं क्योंकि हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर तिथि पर कोई ना कोई त्योहार पड़ता है. भाद्रपद समाप्त होते ही 15 दिन का श्राद्ध पक्ष शुरू होता है जिसमें पितरों की आत्मा की शांति के लिए लोग पूजा-पाठ करवाते हैं. कौओं, कुत्तों और भूखों को भोजन कराते हैं. भाद्रपद में सबसे बड़ा पर्व जन्माष्टमी होता है और उसके अलावा 10 दिन का गणेश चतुर्थी का महोत्सव पूरे भारत में मनाया जाता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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