सूर्य के बारे में हम बचपन से पढ़ते आए हैं कि सूर्य आग का गोला है. सूर्य में मुख्य रूप से हाइड्रोजन होता है. यह ब्रह्मांड का सबसे हल्का और सबसे सामान्य तत्व है जो तारों के अंदर हीलियम में विलीन हो जाता है. यह बदले में बहुत सारी ऊर्जा पैदा करता है जो सूर्य को पृथ्वी के दृष्टिकोण से विकिरण के रूप में अपनी सुनहरी चमक देता है. हालांकि, ये कम लोग ही जानते हैं कि, पृथ्वी पर पाए जाने वाले कई अन्य तत्व भी सूर्य के अंदर होता है. ऐसे ही सोना जैसे कीमती धातुएं भी इस विशाल आग के गोले का हिस्सा हैं.

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सूर्य पर कितना सोना है?

शोधकर्ता पहले ही इस प्रश्न का समाधान कर चुके हैं. ऐसा करने के लिए, उन्होंने सूर्य के प्रकाश का विश्लेषण किया. क्योंकि हर तत्व सूर्य के प्रकाश के स्पेक्ट्रम में अपनी छाप छोड़ता है. 2014 के एक अध्ययन में, यूनिवर्सिटी ऑफ लीज के खगोल भौतिकीविद् निकोलस ग्रीवेस के नेतृत्व में टीम ने पाया कि सूर्य में प्रत्येक ट्रिलियन हाइड्रोजन परमाणुओं के लिए केवल आठ सोने के परमाणु होते हैं.

लंबे वक्त तक चलीं रिसर्च में वैज्ञानिकों ने पाया कि सूरज पर 2.5 ट्रिल्यन टन सोना है. इतने सोने से धरती के सभी महासागर भर सकते हैं और फिर भी यह ज्यादा होगा. एक और दिलचस्प खोज आगे चलकर की गई, जिसमें पाया गया कि धरती पर आज मौजूद सोना सूरज जैसे सितारों के न्यूट्रॉन स्टार बनने और फिर आपस में टकराने से पहुंचा है.

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कैसे हुई सोने की खोज?

18 अगस्त, 1868 को पूर्ण सूर्य ग्रहण के दौरान, कई खगोलविदों ने स्पेक्ट्रोस्कोपी की मदद से सूर्य पर हीलियम की खोज की. इसके बाद सूर्य के वातावरण में एक के बाद एक कार्बन, नाइट्रोजन, लोहा और अन्य भारी धातुओं की खोज हुई. इन्हीं में से एक था सोना. 18वीं सदी के अंत और 19वीं सदी की शुरुआत में जैसे-जैसे पृथ्वी की उत्पत्ति और इतिहास की समझ बढ़ी, यह सवाल भी सामने आने लगा कि अरबों वर्षों तक सूर्य और अन्य तारे कैसे चमकते रहे?

दरअसल, जब कोई तारा अपने जीवन के अंतिम चरण में होता है, तो उसका कोर ढह जाता है और फिर सुपरनोवा विस्फोट होता है. तारे की बाहरी परतें अंतरिक्ष में फैलती हैं और इस दौरान न्यूट्रॉन कैप्चर रिएक्शन होता है. लोहे से भारी अधिकांश तत्व इन्हीं से उत्पन्न होते हैं. जब दो ऐसे न्यूट्रॉन तारे टकराते हैं, तो न्यूट्रॉन कैप्चर रिएक्शन से स्ट्रोंटियम, थोरियम, यूरेनियम और साथ ही सोना पैदा होता है.

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महासागर में कितना है पानी?

पृथ्वी पर सभी महासागरों में लगभग 1.3 ट्रिलियन टन के कुल भार के साथ पानी है. तो, दुनिया के महासागरों में पानी के रूप में सूरज में लगभग दोगुना सोना है, कम से कम वजन के मामले में. यदि सूर्य के सोने से चंद्रमा का निर्माण होता, तो इसका व्यास लगभग 620 किलोमीटर होता. पृथ्वी पर सोने के भण्डार सौर कोष की तुलना में बहुत कम दिखाई देते हैं. हमारे ग्रह पर लगभग 150,000 टन सोने का खनन किया गया है और गहनों और बारों में संसाधित किया गया है.