पात्रा चॉल जमीन घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग
केस (Money Laundering Case) में
ED की टीम शिवसेना
सांसद संजय राउत (Shiv Sena MP
Sanjay Raut) के घर में छापेमारी कर रही है एवं सांसद से
पूछताछ भी कर रही है. इसी क्रम में ईडी की टीम रविवार(31 जुलाई 2022)  सुबह करीब साढ़ें सात बजे
संजय राउत के भांडुप स्थित बंगला “मैत्री” में दबिश देने पहुंची. इस दौरान बंगले
में सासंद संजय राउत के साथ साथ उनके विधायक भाई सुनील राउत भी मौजूद हैं. ईडी इस
मामले की गहनता से जांच पड़ताल कर रही है. वहीं इस मामले में संजय राउत की
गिरफ्तारी भी हो सकती है.

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क्या है पात्रा चॉल जमीन घोटाला ?

दरअसल साल 2007 में गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन को महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ने पात्रा चाॅल के पुनर्विकास का काम सौंपा था. बता दें कि गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्राट्रक्चर लिमिटेड की सिस्टर कंपनी है. इस समझौते के तहत गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन को पात्रा चाॅल के किरायेदारों के 672 फ्लैट को पुनर्विकसित करना था और लगभग 3000 फ्लैट MHADA को सौंपने थे. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ये फ्लैट MHADA की 47 एकड़ जमीन पर बने थे, लेकिन गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन ने फ्लैट रिडेवलप करने और MHADA को बाकी फ्लैट सौंपने की बजाय, इस जमीन को 8 अलग-अलग बिल्डरों को 1 हजार 34 करोड़ रुपये में बेच दिया.

फिर मार्च 2018 में MHADA ने गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज कराई. इसके बाद फरवरी 2020 में इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने प्रवीन राउत को गिरफ्तार किया. प्रवीन राउत HDIL में सारंग वधावन और राकेश वधावन के साथ-साथ डायरेक्टर थे. वधावन बंधु PMC बैंक घोटाले के मुख्य आरोपी हैं. 

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11 करोड़ की संपत्ति हो चुकी है जब्त

इस पूरे मामले की अगर बात की जाए तो इस पूरे मामले में करीबन 1034
करोड़ रुपये का घोटाला निकलकर सामने आ रहा है. इस केस में संजय राउत की 9 करोड़
रुपए और राउत की पत्नी वर्षा की 2 करोड़ रुपए की संपत्ति को जब्त कर लिया गया है . वहीं अब इस मामले को लेकर ईडी काफी सक्रिय हो गई है. जिसके चलते अब इससे संबंधित लोगों पर ईडी का शिकंजा कसना शुरू हो गया है.