एयर इंडिया एक्सप्रेस का एक विमान 2010 में मेंगलुरू हवाई अड्डे पर रनवे से फिसलकर खाई में गिर गया और उसमें आग लग गई जिससे 158 लोगों की जान चली गई थी. कोझिकोड की शुक्रवार की एयरलाइन के एक विमान की दुर्घटना दस वर्ष पुराने उस हादसे की याद दिलाती है.

दोनों ही मामलों में एयर इंडिया एक्सप्रेस का विमान टेबल-टॉप रनवे से फिसल गया था. साथ ही, दोनों विमान दुबई से आए थे.  22 मई 2010 को हुई मेंगलुरू दुर्घटना पर ‘कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी’ ने कहा था कि सीधा कारण कैप्टन द्वारा विमान के ‘अनस्टैबिलाइज्ड एप्रोच’ रोकने में विफल रहना था. ‘अनस्टैबिलाइज्ड एप्रोच’ विमान के उतरने से जुड़े विभिन्न कारक है जिसमें विमान की गति, उतरने की रफ्तार, कितना कोण बनते हुए विमान उतर रहा है, इत्यादि शामिल है.

दुर्घटना में सिर्फ 8 लोग जीवित बचे थे 

31 अक्टूबर 2010 की रिपोर्ट में बताया गया, ‘‘टेबलटॉप रनवे के आसपास की भौगोलिक जटिलताओं के बावजूद बचाव और अग्निशमन अभियान पूरी तत्परता से चलाया गया था. ’’ रिपोर्ट के मुताबिक एयर इंडिया एक्सप्रेस का बोइंग 737- 800 विमान रनवे से फिसल गया था. वह स्ट्रीप और रेसा (रनवे एंड सेफ्टी एरिया) से भी बाहर चला गया था. 

रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘इसके बाद यह आईएलएस (इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम) लोकलाइजर एंटीना के कंक्रीट ढांचे से टकरा गया और खाई में गिर गया. टकराने और दुर्घटना के बाद आग लगने से 152 यात्रियों और चालक दल के छह सदस्यों की मौत हो गई. इसमें आठ लोग जीवित बच गए. ’’

एयरलाइन का विमान शुक्रवार को कोझिकोड हवाई अड्डे पर रनवे से फिसल गया और दो हिस्सों में बंटकर एक खाई में गिर गया. इसमें आग नहीं लगी लेकिन दो पायलट सहित करीब 18 लोगों की जान चली गई.

देश में तीन टेबलटॉप रनवे

टेबलटॉप रनवे पहाड़ी या ऊचांई वाले क्षेत्रों में बनाए जाते हैं. 2010 की रिपोर्ट में कहा गया कि देश में तीन टेबलटॉप रनवे हैं – मेंगलुरू, कोझिकोड और लेंगपुई जहां से नियमित विमान उड़ान भरते हैं. रिपोर्ट में बताया गया है, ‘‘विषम भौगोलिक क्षेत्र होने के कारण इन वायु क्षेत्रों में विमान संचालन के लिए अतिरिक्त कौशल और सावधानी बरतने की जरूरत होती है. ’’

रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि टेबलटॉप रनवे के पास वायु क्षेत्र के समीप पहुंच मार्ग की समस्या होती है, जिनका इस्तेमाल विमान दुर्घटना के समय करने की जरूरत हो सकती है.  मेंगलुरू दुर्घटना के समय विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) नहीं था जिसका गठन 2012 में हुआ. एएआईबी कोझिकोड दुर्घटना की जांच कर रहा है.