पृथ्वी लोक के अधिपति भगवान श्री महाकालेश्वर के दरबार में शुक्रवार की दोपहर में 12 बजे भस्मारती होगी. यह दिन वर्ष में एक ही बार शिवरात्रि के दूसरे दिन आता हैं जब महाकाल अपने भक्तों को दोपहर में भस्म रमाकर दर्शन देते हैं. शुक्रवार को महानिर्वाणी अखाड़े के नागा संन्यासी महाकाल को अघोर मंत्र से भस्म रमाएंगे. इसके पूर्व शुक्रवार तड़के 4 बजे से सेहरा चढ़ना और सुबह 6 बजे सेहरा आरती होगी. इसके बाद बाबा को चढ़ाए गए सेहरा को भक्तों में बांटा जाएगा.

महाशिवरात्री पर सोनू सूद के ट्वीट पर भड़के ट्विटर यूजर्स, पूछा- आखिर तुम होते कौन हो?

मंदिर के पुजारी प्रदीप गुरु ने बताया कि महाशिवरात्रि का पर्व महादेव के विवाह का दिन होता है. इसे लेकर मंदिर में नौ दिन पहले से ही दरबार में शिवनवरात्रि का उल्लास छा जाता है. महाकाल प्रतिदिन अपने भक्तों को अलग अलग स्वरूप में दर्शन देते है. वहीं महाशिवरात्रि के दिन बाबा विधिवत पूजन किया जाता है. वहीं रात 8 बजे से महाकाल का पंचामृत (दूध, दही, शकर शहद, घी), पॉच प्रकार के फलों के रस, गंगाजल, गुलाबजल, भांग आदि सामग्री के साथ केशर मिश्रित दूध से अभिषेक कर गर्म जल से स्नान करवाया जाएगा.

अभिषेक पश्चात महाकाल को नये वस्र धारण कराकर सप्ताधान मुखरविन्द धारण कराया जाएगा. इसके पश्चात सप्तधान (चावल, मूंग खडा, तिल, मसूर खडा, गेंहु, जौ, उड़द खड़ा) श्री महाकालेश्वर भगवान को अपर्ण किया जाएगा.

Haridwar Kumbh 2021: क्या है किन्नर अखाड़ा? जिसमें हिंदू के साथ ‘मुस्लिम’ भी बनते हैं महामंडलेश्वर

मंदिर के पुजारी आशिष गुरु ने बताया कि महाशिवरात्रि के अगले दिन 12 मार्च को दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक भगवान महाकाल की भस्मार्ती होगी. दोपहर 2.30 बजे से 3 बजे तक तक भोग आरती होगी. संध्या पूजन शाम 5 बजे से 5.45 बजे भगवान को जल चढना बंद होगा. शाम 6.30 बजे से 7.15 बजे तक संध्या आरती और रात्रि 10.30 बजे शयन आरती के बाद 11 बजे पट मंगल होंगे.

महाशिवरात्रि पर केदारनाथ के कपाट खुलने का किया गया ऐलान, जानें कपाट खुलने की तारीख और समय