Hindi Diwas 2023: हिंदी भाषा विश्व की प्रमुख भाषाओं में से एक है. हिंदी को भारत की पहचान के रूप में भी देखा जा सकता है. हालांकि , हिंदी भाषा भारत सहित कई अन्य देशों में बोली जाती है. हिंदी भाषा विदेशों में रहने वाले भारतीयों को एक-दूसरे से जोड़ने का काम करती है. हिंदी की भूमिका एवं महत्ता बहुत गहरी है. इसी वजह से साल में दो बार हिंदी दिवस मनाया जाता है. हिंदी दिवस साल में दो बार मनाया जाता है, पहला जनवरी के महीने में और दूसरा सितंबर के महीने में. भारत में हिंदी दिवस के लिए एक विशेष दिन निर्धारित किया गया है.
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क्या है हिंदी दिवस का इतिहास? (Hindi Diwas 2023)
भारत में हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत आज़ादी के बाद हुई. हालांकि इस दिन की नींव 1946 में स्वतंत्रता दिवस से पहले रखी गई थी. उसी साल 14 सितंबर को संविधान सभा ने पहली बार देवनागरी लिपि में लिखी हिंदी को भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में स्वीकार किया था. भारत के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की सरकार बनने के बाद 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया और पहला आधिकारिक हिंदी दिवस 14 सितंबर 1953 को मनाया गया.
हिंदी दिवस क्यों मनाते हैं?
भारत में कई भाषाएं बोली जाती हैं, लेकिन हिंदी भाषा भारत के सभी राज्यों और विदेशों में बसे भारतीयों को जोड़ने का काम करती है. अंग्रेजी भाषा के बढ़ते महत्व और हिंदी के प्रचलन में कमी को देखते हुए भी हिंदी दिवस मनाया जाता है, ताकि हिंदी की उपेक्षा को रोका जा सके. महात्मा गांधी ने हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की बात कही थी. हालाकिं हिंदी राष्ट्रभाषा तो नहीं है लेकिन इसे भारत की राजभाषा अवश्य माना जाता है.