ओस से भी हल्का, मुंह में घुल कर रुह को मिठास देने वाले मक्खन मलाई को जो एक बार खाता है उसका स्वाद वह कभी नहीं भूलता. जाड़े के मौसम में नवाबों के शहर लखनऊ में मिलने वाला यह मलाई मक्खन चौक की गलियों से निकल कर फिल्मी दुनिया के कई नामी सितारों पर भी अपना जादू चला चुका है. शिल्पा शेट्टी हों या विद्युत जामवाल, फिटनेस फ्रीक यह सितारे लखनऊ के मलाई मक्खन का लुत्फ उठा चुके हैं. जिसकी खासियत यह है कि इसका नाम भले ही मक्खन मलाई है लेकिन न तो इसमें मक्खन होता है और ना ही मलाई नजर आती है. दरअसल इसमें दूध का झाग, जिसे खूब ढंग से फेटा जाता है और फिर इसे दबा कर गाढ़ा किया जाता है.

चौक का गोल दरवाजा और मलाई मक्खन

जाड़े का मौसम आते ही वैसे तो पूरे शहर में अब कई जगह मक्खन मलाई मिलने लगा है लेकिन चौक का गोल दरवाजा मक्खन मलाई का खास ठिकाना है. पीतल के परात में सजे हुए मलाई मक्खन को देखकर दिल बरबस ही मथुरा से रू ब रू हो जाता है. कोई हांड़ी में इस मक्खन को पैक कराता नजर आता है तो कहीं लोग दौनो में इस मक्खन को खाते नजर आते हैं. केसर के रंग से हल्का सा पीला, उसपर बादाम, पिस्ता और चांदी के वर्क की सजावट सबकुछ इतना लजीज के देखकर खाए बिना रहा न जाए. इस मक्खन को मुंह में रखते ही केसर की महक और हल्का पन पेट के साथ रूह को भी सराबोर कर देता है.अगर यहीं पर खड़े होकर खाने की इच्छा है तो दौने में इसे खाईये और अगर इसे कहीं बाहर ले जाना है तो मिट्टी की हांड़ी में इसके स्वाद के साथ इसकी पैकिंग भी कुछ कम नहीं.

आधी रात में शुरू हो जाता है काम

पिछले 20 सालों से मलाई मक्खन की दुकान लगाने वाले मोनू प्रसाद कहते हैं कि इस मलाई मक्खन को खाने अटल जी भी आए थे. सुबह चार बजे से साथ बजे तक होने वाली मथाई ही इसको खास बनाती है. जितनी मथाई होगी मक्खन उतना ही हल्का और स्वादिष्ट होगा. इसको मथने के लिए हमारे पास लकड़ी की स्पेशल मथानी होती है. घर पर तैयार करने के बाद सात बजे हम मक्खन लेकर चौक आते हैं. जब मक्खन खत्म हो जाता है तब घर से और लाते हैं. 120 रुपये किलो के हिसाब से मिलने वाले मलाई मक्खन, खाने वाले शौकीनों की लाइन सुबह सात बजे से ही नजर आती है. इस मक्खन की खासियत है कि अगर इसे विदेश भी ले जाना हो तो मिट्टी के हांडी में ले जाया जा सकता है.

मथाई होती है खास

लखनऊ के दूसरे नवाबी व्यंजनों की तरह इसे बनाने के लिए तर्जुबा, तरीका और सब्र तीनों की जरूरत होती है. मोनू कहते हैं कि हमारे दादा तो इस मक्खन को ओस में रखकर तैयार करते थे, लेकिन अब इसे आग पर पका कर तैयार करते हैं. 50 किलो मक्खन तैयार करने के लिए 50 लीटर दूध और 25 किलोग्राम क्रीम का प्रयोग होता है. पहले दूध और क्रीम को आग पर आधे घंटे तक पकाते हैं. इसके बाद ठंडा होने पर उसे रस्सी व मथनी से मथते हैं. इससे जो मक्खन निकलता है उसमें चीनी या महीन पिसी हुई मिश्री डालते हैं. मक्खन को और खास बनाने और उसमें रंगत लाने के लिए दो ग्राम केसर डालते हैं. फिर ठंडा रखने के लिए एक बड़े बर्तन में बर्फ रखकर और छोटेबर्तन में तैयार मक्खन को रख देते हैं. ठंडा करने के लिए रात भर के लिए खुले में रख कर छोड़ दिया जाता है. चार से पांच घंटे का वक्त बीत जाने के बाद यह ठंडा हो जाता है मतलब इसे रात के दो से तीन बजे इसे मिक्स करने का प्रोसेस शुरू किया जाता है. मक्खन मलाई का इजाद कब, कहां और किसने किया इसकी जानकारी तो नहीं मिलती हालांकि कुछ लोग यह मानते हैं कि बादशाह अकबर के शाही बावर्चीखाने में इसका इजाद हुआ था. शहर के पुराने लोग इसे निमिश के नाम से भी जानते हैं इसके अलावा उन्नाव कानपुर जैसे शहरों में इसे मलाइय्यो नाम से भी जाना जाता है.

शिल्पा ने डाला था विडियो

एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी जोकि अपनी फिटनेस का भी पूरा ख्याल रखती हैं. साल 2019 में दिसंबर के महीने में ही शिल्पा लखनऊ एक शूटिंग के लिए आई थीं. और वह खुद को मलाई मक्खन खाने से रोक नहीं पाईं थीं. उन्होंने उस समय इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया था जिसमें वह मक्खन मलाई का आनंद लेती दिख रही थीं. कैप्शन में उन्होंने लिखा था “रविवार का आनंद, नवाबी अंदाज में.लखनऊ में शूटिंग के लिए यहां होने के कारण मैंने यहां का लोकप्रिय मक्खन मलाई खाने का फैसला किया.ये काफी हल्का और मजेदार है, न ही बहुत मीठा न ही भारी और उसके साथ स्वादिष्ट कुरकुरी गर्म जलेबी.” वहीं एक्टर पंकज त्रिपाठी, सौरभ शुक्ला, नीतू चंद्रा से लेकर परिणीति चोपड़ा तक इस मक्खन के सवाद का जिक्र करना नहीं भूलते.