केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने सोमवार को मातृभाषा का प्रयोग ज्यादा करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा क्षेत्रीय और वैचारिक संकीर्णताओं से ऊपर उठकर अगर हम अपनी पहचान बनाएं, अपनी भाषा का प्रयोग करें और उसे गले लगाएं तो देश को आगे बढ़ने में कोई भी शक्ति नहीं रोक सकती है.

इस विषय में रमेश पोखरियाल ने कहा कि लोगों को यह नहीं सोचना चाहिए कि सिर्फ अंग्रेजी ही उन्हें विकास के पथ पर ले जा सकती है क्योंकि दुनिया में तमाम ऐसे देश हैं जिन्होंने मातृभाषा में शिक्षा देकर महानता हासिल की है. यहां केन्द्रीय हिन्दी संस्थान के नए भवन के ई-उद्घाटन में पोखरियाल ने कहा कि हालांकि वह अंग्रेजी के खिलाफ नहीं है, लेकिन साथ ही उन्होंने जापान, जर्मनी, फ्रांस और अन्य देशों का उदाहरण भी दिया जहां शिक्षा मातृभाषा में दी जाती है.

पोखरियाल ने कहा, ‘‘कुछ ही दिन पहले कुछ लोगों ने कहा कि हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंचना चाहते हैं, इसलिए अंग्रेजी आवश्यक है. हमने कभी अंग्रेजी का विरोध नहीं किया. हमारे लिए सभी भाषाएं अच्छी हैं. लेकिन मैं उनसे अनुरोध कर रहा हूं कि यह मत सोचें कि सिर्फ अंग्रेजी ही आपको प्रगति में मदद कर सकती है. ऐसा नहीं है. कई देशों ने अपनी मातृभाषा का उपयोग कर प्रगति हासिल की है.’’

पोखरियाल ने इज़राइल का उदाहरण देते हुए कहा कि उसने प्राचीन भाषा हिब्रू को फिर से जिंदा किया और वह विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में किसी से पीछे नहीं है.