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कौन है Yash Dhull? तैयार हो रहा है टीम इंडिया का अगला Virat Kohli

टीम इंडिया ने अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराकर फाइनल में जगह बना ली है. फाइनल में इंडिया का मुकाबला 5 फरवरी को इंग्लैंड से होगा. इस टीम के सेनापति यानी कप्तान यश ढुल ने अपने दल की आगे से उदाहरण बनकर अगुवाई की है.

Written by:Vishal
Published: January 16, 2022 08:09:48 New Delhi, Delhi, India

टीम इंडिया ने ICC अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइनल में जगह बना ली है.  टीम इंडिया के युवा लड़ाकों ने अपन पहले मैच में दक्षिण अफ्रीका (South Africa) को 45 रन से मात देकर रणभेरी फूंकी थी. अब टीम ने सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया (Australia) को हराकर फाइनल में जगह बना ली है. फाइनल में इंडिया का मुकाबला 5 फरवरी को इंग्लैंड से होगा. इस टीम के सेनापति यानी कप्तान यश ढुल (Yash Dhull) ने अपने दल की आगे से उदाहरण बनकर अगुवाई की है. यश दुल ने सेमीफाइनल मुकाबले में 110 रन की शानदार पारी खेली है. ढुल को देखकर क्रिकेट प्रशंसकों और जानकारों को युवा विराट कोहली (Virat Kohli) की याद आ गई. जिन्होंने अपनी कप्तानी में अंडर-19 वर्ल्ड कप जीता था. अब यही उम्मीद यश ढुल से भी है. एक और बात बता दें कि विराट की ही तरह ये भी दिल्ली (Delhi) से हैं और ऊपरी क्रम में बल्लेबाजी करते हैं.

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देश की राजधानी दिल्ली के जनकपुरी में रहने वाले यश ढुल अंडर-19 वर्ल्ड कप के कप्तान बनने से पहले अंडर- 16 और भारत ‘ए’ अंडर-19 टीम का नेतृत्व भी कर चुके हैं. यश ने अंडर-19 टीम का कप्तान बनने पर एक जाने-माने मीडिया हाउस से बातचीत के दौरान कहा, ‘यह अभी शुरुआत है. अगर मैं ईमानदारी से खेलता रहा तो जरूर किसी अच्छे लेवल पर पहुंच जाऊंगा.’ इसके अलावा यश ने अपने परिवार के त्याग का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि मुझे ज्यादा याद नहीं है लेकिन जब मैं बहुत छोटा था तो परिवार को मेरे लिए कठिन समय से गुजरना पड़ा था.

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यश ढुल के पिता विजय ढुल ने एक इंटरव्यू में कहा, ‘मैं अपने बेटे के क्रिकेट करियर को संवारने के लिए अपनी नौकरी का त्याग कर दिया था.’ परिवार का गुजारा विजय के पिता की पेंशन की सहायता से होता था जोकि सेना में थे. विजय ढुल ने जाने-माने मीडिया हाउस से बात करते हुए कहा कि, ‘मुझे यह सुनिश्चित करना था कि उसे कम उम्र से खेलने के लिए सबसे अच्छी किट और गियर मिले. मैंने उसे सबसे अच्छी इंग्लिश विलो बैट दिए. उसके पास सिर्फ एक बल्ला नहीं था. मैं बल्ले अपग्रेड करता रहा. हमने अपने खर्चों में कटौती की. मेरे पिता एक आर्मी मैन थे. उन्हें मिलने वाली पेंशन का इस्तेमाल घर चलाने के लिए किया जाता था. यश हमेशा सोचता था कि हम यह सब कैसे मैनेज कर रहे हैं.’

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यश दुल ने 11 वर्ष की आयु में बाल भवन स्कूल की एकेडमी ज्वाइन की थी. बता दें कि इस दाएं हाथ के मध्यक्रम के बल्लेबाज ने 12 साल की उम्र में दिल्ली अंडर-14 का प्रतिनिधित्व किया था. यश ने जाने-माने मीडिया हाउस से बात करते समय ये भी कहा कि ‘उनका कोई रोल मॉडल नहीं है. जो भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलता है, उससे ही काफी कुछ सीखा जा सकता है. मैं हर किसी के खेल को बारीकी से फॉलो करता हूं. मैं किसी की नकल नहीं करता लेकिन हर कोई मेरा हीरो है.’ आपकी जानकारी के लिए बता दें यश वीनू माकंड ट्रॉफी में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ियों में से एक थे. यश ढुल ने डीडीसीए के लिए 5 मैचों में 75.50 की औसत से 302 रन बनाए थे.

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