Home > ये है विश्व का एक मात्र वीरान आइलैंड, जहां कभी रखे जाते थे कुष्ठ रोगी
opoyicentral
आज की ताजा खबर

2 years ago .New Delhi, Delhi, India

ये है विश्व का एक मात्र वीरान आइलैंड, जहां कभी रखे जाते थे कुष्ठ रोगी

कुष्ठ रोग को लेकर भारत में एक अलग ही सोच है लोग कुष्ठ बीमारी वाले लोगों से दूर रहते है.

Written by:Kaushik
Published: March 12, 2022 10:18:04 New Delhi, Delhi, India

कुष्ठ रोग यानी कोढ़ एक ऐसी बीमारी है जो शाप या भगवान द्वारा दिया गया दंड माना जाता रहा है. इसके बारे में यह भी कहा जाता है कि भगवान ने किसी बुरे कर्मों के लिए सजा दी है. कुष्ठ की बीमारी बहुत बुरी मानी जाती रही है. आपको जानकारी के लिए बता दें कि सदियों से इसके शिकार लोगों को समाज से अलग-थलग करने का चलन रहा है. कुष्ठ रोग को लेकर भारत में एक अलग ही सोच है लोग कुष्ठ बीमारी वाले लोगों से दूर रहते है. लेकिन केवल भारत में ही नहीं बल्कि पश्चिमी देशों में भी कोढ़ के मरीजों के साथ ऐसा ही सुलूक किया जाता है.

यह भी पढ़ें:  ये हैं दुनिया की सबसे खतरनाक जगहें, लोग जान पर खेलकर करते हैं ट्रेवल

पहले तो कुष्ठ के शिकार लोगों को एकदम अलग ही रखा जाता था. बाद में उनके लिए कुष्ठ रोगी आश्रम बनाए जाने लगे. भारत में आज भी कई कुष्ठ रोगी आश्रम चलते हैं.

क्या आप जानते है कि यूनान में तो एक आईलैंड ही कुष्ठ के मरीजों के लिए अलग कर दिया गया था. इस द्वीप का नाम है स्पिनालॉन्गा. ये यूनान के सबसे बड़े द्वीप क्रीट के पास स्थित है.स्पिनालॉन्गा का कुल क्षेत्रफल 8.5 हेक्टेयर का है. बता दें कि आज के समय में भले ही यहां कोई न रहता हो लेकिन इस जगह को सबसे पहले वेनिस के राजा ने यहां पर सैनिक अड्डा बनाया था. बहुत कम लोग ही वहां आते-जाते हैं.

यह भी पढ़ें: दुनिया के 5 ऐसे खतरनाक ब्रिज, जिनको पार करना तो दूर, देखते ही डर जाते हैं लोग

ये द्वीप क्रीट के गांव प्लाका से थोड़ी ही दूरी पर स्थित है. मगर उसमें बहुत कम लोगों की दिलचस्पी है. कुष्ठ बीमारी के मरीजों को यहां रखा जाता था. यह सिलसिला 1957 तक जारी रहा. जब वर्ष 1957 में ब्रिटिश एक्सपर्ट ने स्पिनालॉन्गा में आकर लोगों का हाल देखा तो ये बात पूरी दुनिया को पता चली. उसके बाद यूनानी सरकार को बेहद शर्मिंदा होना पड़ा.

यह भी पढ़ें: पंजाब की ये जगहें किसी जन्नत से कम नहीं, वीकेंड ट्रिप के लिए हैं बेस्ट

इसके बाद सभी लोगों को इलाज के लिए भेजा गया और कुष्ठ रोगी आश्रम बंद कर दिया गया. जब यहां के कुष्ठ मरीज यहां से चले गए तो इसके बाद ये जगह खाली हो गई. अब यहां कोई भी नहीं रहता है. ये भूमध्य सागर मे मिराबेलो की खाड़ी के मुहाने पर स्थित है. अब इस द्वीप पर कोई नहीं रहता और अब ये वीरान पड़ा हुआ है. हालांकि कभी कभार कुछ लोग यहां घूमने पहुंच जाते हैं.

यह भी पढ़ें: अब सिर्फ 40 हजार में कर सकते हैं विदेश की यात्रा, कम बजट में बनाएं फॉरेन ट्रिप प्लान

Related Articles

ADVERTISEMENT

© Copyright 2023 Opoyi Private Limited. All rights reserved