Sawan 2022: सावन के महीने में ये 5 पौधे लगा लीजिए फिर देखें महादेव का कमाल!
- 14 जुलाई से सावन का पवित्र महीना शुरू होने जा रहा है.
- इस सावन में 4 सोमवार पड़ेंगे और पहला सोमवार 18 जुलाई को है.
- सावन के पावन महीने में 5 पौधे लगाना शुभ माना जाता है.
आषाढ़ का महीना खत्म होते ही सावन (Sawan 2022) का महीना लग जाता है और इस साल सावन 14 जुलाई 2022 से शुरू हो रहा है जो 12 अगस्त 2022 तक चलेगा. हिंदू पंचांग के मुताबिक, इस साल 4 सोमवार पड़ेंगे और जिन्हें व्रत रखना है वो सावन से हर सोमवार का व्रत उठा सकते हैं. सावन का महीना बहुत ही पावन महीना होता है और इस मौके पर आपको कुछ ऐसे पौधे लगाने चाहिए जिससे महादेव प्रसन्न हो जाते हैं.
यह भी पढ़ें: Sawan 2022: सोमवार के व्रत में भूलकर भी ‘शिवलिंग’ पर ना चढ़ाएं ये चीजें!
सावन में लगाएं ये 5 तरह के पौधे
सावन के महीने का मतलब हरियाली होती है और शिवजी को भी हरियाली ही पसंद है. ऐसे में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए आपको सावन माह में ये 5 तरह के पौधों को लगाना चाहिए.
तुलसी का पौधा: सावन के महीने में तुलसी का पौधा लगाना शुभ होता है. इसे कार्तिक मास में भी लगाया जा सकता है. इसे लगाने से वैवाहिक जीवन बेहतर होता है, सुख-समृद्धि और अच्छी सेहत आती है.
यह भी पढ़ें: Vastu Tips: आपके घर में हैं ये 3 तरह के पौधे? अगर हां तो तुरंत हटा दें!
केले का पौधा: गुरुवार वाले दिन केले का पौधा लगाना बेहतर होता है. केले के पौधे को कभी भी सामने की ओर नहीं लगाना चाहिए. वैवाहिक जीवन की समस्या को दूर करने के लिए नियमित रूप से इस पौधे में जल चढ़ाए.
अनार का पौधा: घर के सामने अनार का पौधा लगाना शुभ माना जाता है. इसे लगाने से घर का माहौल ठीक रहता है और नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है. अनार का पौधा घर के सामने लगाने से किसी भी बाहरी विद्या का असर घर पर नहीं होता है.
यह भी पढ़ें: Sawan 2022: व्रत रखते समय ध्यान रखें ये जरूरी बातें, वरना होगा पछतावा!
शमी का पौधा: इसे घर के मुख्य द्वार के बाईं ओर लगाना शुभ माना जाता है. नियमित रूम से समी के पौधे के नीच सरसों के तेल का दीपक जलाएं और ऐसा करने से शनि संबंधी पीड़ा कम होती.
पीपल का पौधा: इसे सावन के गुरुवार के दिन लगाना अच्छा होता है. घर में कभी भी पीपल का पौधा नहीं लगाना बेहरत होता है और पीपल का पौधा हमेशा पार्क या सड़क के किनारे लगाएं.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.
Related Articles
ADVERTISEMENT