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7 months ago .New Delhi, India

5 Life Lessons From Ravana: बुराई ही नहीं रावण के अंदर थीं ये 10 अच्छी बातें, आपको भी सीखनी चाहिए

रावण से सीखने वाली हैं ये 5 बातें.

24 अक्टूबर को देशभर में दशहरा का पर्व मना रहे हैं. लंकापति रावण को बुराइयों का प्रतीक माना जाता है. असल में बुराई के साथ रावण में कई अच्छाइयां भी थीं.

Written by:Sneha
Published: October 24, 2023 12:05:00 New Delhi, India

5 Life Lessons From Ravana: 24 अक्टूबर दिन मंगलवार को दशहरा का त्योहार मनाया जा रहा है. अधर्म पर धर्म की जीत के कारण इसे विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है. ऐसी मान्यता है कि श्रीराम ने अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन ही लंका के राजा रावण का वध किया था. उस दिन से आज तक हर साल रावण का पुतला बनाकर विजयदशमी के दिन रावण दहन (Ravan Dahan 2023 Time) किया जाता है. रावण में अनेक बुराइयां थीं और वह राक्षस होने के नाते ऋषि मुनियों को परेशान भी करता था. रावण का एक ही उद्देश्य था कि जो भी विशेष चीज हो वो उसके पास रहे इसलिए उसने कई देवताओं के विशेष अधिकारों को अपने आधीन कर लिया था. अनेक बुराइयों से परिपूर्ण रावण में कुछ अच्छी बातें भी थीं जिनके बारे में हम आपको यहां बता रहे हैं.

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बुराई ही नहीं रावण के अंदर थीं ये 5 अच्छी बातें (5 Life Lessons From Ravana)

जब श्रीराम ने रावण का वध किया और वो मूर्क्षित अवस्था में धरती पर लेटा था तब भगवान राम ने अपने भाई लक्ष्मण को रावण के पास भेजा. श्रीराम ने लक्ष्मण से कहा था कि रावण सर्वज्ञानी पंडित हैं और उनसे लक्ष्मण को कई बातें सीखने की जरूरत हैं. इसके बाद लक्ष्मण जी रावण के पास बैठे और रावण ने उन्हें कुछ ज्ञान दिया जिन्हें हम आपको 5 प्वाइंट्स में नीचे समझा रहे हैं.

1.शुभ कार्य जल्दी करें: रावण ने लक्ष्मण जी को पहली शिक्षा दी थी कि किसी भी शुभ काम को कल पर नहीं टालनी चाहिए. लक्ष्मण को रावण ने बताया था कि किसी भी काम को कल पर टालने से देरी होती है और अगर शुभ चीज है तो वो दूर होने लगती है.

2.दुश्मन को छोटा मत समझो: रावण ने लक्ष्मण को दूसरी शिक्षा दी थी कि आप कितने भी शक्तिशाली हों लेकिन कभी भी अपने दुश्मन को छोटा समझने की गलती नहीं करें. रावण ने कहा था कि वो अपनी ये बात भूल गया था और आज उसकी ये दशा है.

3.सभी को ज्ञान होता है: रावण ने लक्ष्मण जी को तीसरी शिक्षा देते हुए कहा था, ‘मैंने जब ब्रह्माजी से अमरता का वरदान मांगा तो मनुष्य और वानर के अलावा कोई मेरा वध ना कर सके ऐसा कहा था. मैंने इसलिए कहा क्योंकि मैं मनुष्य और वानर को तुच्छ मानता था जो मेरी गलती थी. मैं ये जान गया हूं कि ज्ञान सभी में होता है और ये तुम भी जान लो.’

4.अविष्कारक था लंकापति: रावण हर समय कुछ ना कुछ नया खोजने में विश्वास रखता था. उसको लगता था कि कुदरत में बहुत कुछ खोजने को और समय से बहुत कुछ सीखने को होता है. ऐसा ही हर किसी को करना चाहिए हर समय खोजने की ललक आपको तरक्की तक पहुंचा सकती है.

5.कलाकार था रावण: लंकापति रावण को कविता, संगीत, गायन, वेदज्ञ के साथ ही आयुर्वेद का भी ज्ञान था. उसके अंदर कला का भंडार था और इस बात को श्रीराम ने भी स्वीकार किया था कि रावण में अद्भुत कलाएं हैं. वो हमेशा कुछ ना कुछ नया सीखने में विश्वास रखता था.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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