Dussehra Mela in India: 24 अक्टूबर को देशभर में दशहरा का त्योहार मनाया जा रहा है. हर ओर खुशी का माहौल है और लोग इस पर्व को परिवार, दोस्तों और खास के साथ मिलकर मनाते हैं. ऐसा बताया गया है कि अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के दिन श्रीराम ने लंका के राजा रावण का वध किया था. रावण एक राक्षस था और उसने बहुत सारे अत्याचार किये थे लेकिन भगवान राम ने रावण को माता सीता के हरण के कारण युद्ध किया और जीत हासिल की. तब से देशभर में इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के उद्देश्य के लिए मनाते हैं. जगह-जगह दशहरा मेला लगता है और भारत में ये 5 दशहरा मेला बहुत फेमस है.
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भारत में इन 5 जगहों का मशहूर है दशहरा मेला (Dussehra Mela in India)
इस साल दशहरा का त्योहार 23 अक्टूबर दिन मंगलवार को मनाया जा रहा है. ऐसी मान्यता है कि इसी दिन भगवान राम ने अहंकारी राक्षस रावण का वध किया था. इसके साथ ही उन्होंने इस युद्ध के बाद रावण के चुंगल से माता सीता को छुड़ाया था. इस दिन को पूरे भारत में मनाते हैं लेकिन कुछ ऐसी जगहे हैं जहां इसे काफी दिनों तक मनाया जाता है. आज हम आपको उन 5 मशहूर जगहों के बारे में बताएंगे जहां का दशहरा मेला (Dussehra Mela in India) काफी फेमस है.
मदिकेरी (Madikeri)
कर्नाटक के मदिकेरी शहर में दशहरे के त्योहार को 10 दिनों तक 4 बड़े अलग-अलग मंदिरों में मनाया जाता है. उत्सव की तैयारी 3 महीने पहले ही शुरू कर दी जाती है. दशहरे के दिन यहां पर एक विशेष उत्सव (मरियम्मा) की शुरुआत होती है. यहां पर ऐसी मान्यता है कि एक समय पहले इस शहर के लोगों को एक खास तरह की बीमारी ने घेर लिया था. जिसे दूर करने के लिए मदिकेरी के राजा ने देवी मरियम्मा को प्रसन्न करने के लिए इस उत्सव की शुरुआत की थी.
बस्तर (Bastar)
आपकी जानकारी के लिए बता दें छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के दंडकरण्य में भगवान श्री राम अपने 14 वर्ष के दौरान रहे थे. इसी जगह के जगदलपुर में मां दंतेश्वरी मंदिर है. यहां हर वर्ष हजारों की संख्या में आदिवासी दशहरे का त्योहार मनाने आते हैं. बस्तर के लोग 600 सालों से यह त्योहार मनाते आ रहे हैं. इस स्थान पर कभी भी रावण का दहन नहीं किया जाता. आपकी जानकारी के लिए बता दें यहां के आदिवासियों और राजाओं के बीच अच्छा मेलजोल रहा था.
मैसूर (Mysuru)
मैसूर में मनाया जाने वाला दशहरे का त्योहार दुनिया भर में फेमस है. यहां विभिन्न-विभिन्न राज्यों से, देशों से लोग आकर त्योहार को मनाना पसंद करते हैं. यहां पर दशहरे के मेले की शुरुआत नवरात्रों से ही प्रारंभ कर दी जाती है. इस मेले में लाखों लोग शिरकत करते हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें मैसूर में दशहरे का सबसे पहला मेला 1610 में आयोजित किया गया था. मैसूर का नाम महिषासुर के नाम पर रखा गया था.
कुल्लू (Kullu)
कुल्लू में दशहरे के त्यौहार को 17वीं शताब्दी से मनाया जा रहा है. यहां इस त्योहार को बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. हिमाचल के कुल्लू में दशहरे को अंतर राष्ट्रीय त्योहार का दर्जा दिया गया है. यहां पर लोग बड़ी तादाद में शिरकत करते हैं. यह उत्सव 7 दिनों तक मनाया जाता है.
कोटा (Kota)
राजस्थान के कोटा शहर में दशहरे के त्योहार का आयोजन 25 दिनों तक लगातार होता है. इस मेले की शुरुआत 125 वर्ष पहले महाराज भीम सिंह द्वितीय के द्वारा की गई थी. यह परंपरा आज तक निभाई जा रही है. इस दिन यहां पर रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले का दहन किया जाता है.
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