क्या शपथ लेने के बाद एकनाथ शिंदे सरकार का होगा फ्लोर टेस्ट?
- एकनाथ शिंदे 30 जून को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे
- एकनाथ शिंदे सरकार का क्या फ्लोर टेस्ट होगा
- क्या एकनाथ शिंदे की सरकार शिवसेना की सरकार कहलाएगी
महाराष्ट्र में सरकार के लिए चल रही सियासी घमासान अब थमते हुए दिख रही है. 30 जून को शिवसेना के बागी एकनाथ शिंदे और बीजेपी के नेता देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपार भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की और सरकार बनाने के दावा किया. वहीं, राज्यपाल ने 30 जून को ही मुख्यमंत्री पद की शपथ के लिए न्योता भी दे दिया. हालांकि, बीजेपी ने मॉस्टरस्ट्रोक खेल कर एकनाथ शिंदे को सीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया. देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि, एकनाथ शिंदे महाराष्ट्र के सीएम होंगे और वह इस सरकार से बाहर रहेंगे. हालांकि, उन्होंने ये नहीं बताया है कि, बागी विधायक और निर्दलीय विधायक और अन्य विधायकों की संख्या क्या है. लेकिन कहा जा रहा है कि 49 विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपा गया है.
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महाराष्ट्र में एक दिन पहले 29 जून को ही उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया है. अब एकनाथ शिंदे 30 जून को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. हालांकि, इसके बाद कई सवाल है जो सभी के मन में जरूर आ रहे होंगे. जिसमें पहला की क्या एकनाथ शिंदे की सरकार बनने के बाद शिवसेना की सरकार कहलाएगी. इसके साथ ही क्या अब एकनाथ शिंदे को भी विधानसभा में फ्लोर टेस्ट करवाना होगा.
शायद इन सभी सवालों को लेकर ही यह फैसला किया गया है कि, 30 जून को केवल एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. कैबिनेट मंत्रियों का शपथ सभी औपचारिकता के बाद किया जाएगा.
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आपको बता दें, एकनाथ शिंदे शपथ लेने वाले हैं लेकिन बागी और निर्दलीय विधायक मुंबई से बाहर ही हैं. उन विधायकों को अभी भी मुंबई बुलाने का इरादा नहीं दिख रहा है. क्योंकि, शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट पहले से दावा कर रही है कि, विधायकों के मुंबई आने के बाद सारी बातें साफ हो जाएगी. हालांकि, इन दावों के बावजूद उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. लेकिन अगर शिवसेना का ये दावा सही निकला तो एकनाथ शिंदे की सरकार गिरने में जरा भी देर नहीं लगेगी.
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अब ऐसा माना जा रहा है कि, एकनाथ शिंदे की सरकार बनने के बाद विपक्ष फ्लोर टेस्ट की मांग कर सकता है. आपको बता दें, फ्लोर टेस्ट एक पारदर्शी संवैधानिक प्रक्रिया है. जिसे राज्य में विधानसभा के अध्यक्ष कराते हैं. राज्यपाल केवल इसके लिए आदेश देता है. फ्लोर टेस्ट के लिए सभी विधायकों को विधानसभा में होना जरूरी होता है जहां सभी विधायक अपना वोट देते हैं. अगर सरकार बनाने के निश्चित सीमा से कम वोट होते हैं तो उस पार्टी की
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