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2 years ago .New Delhi, Delhi, India

Indian Bank को दिल्ली महिला आयोग ने क्यों भेजी नोटिस, जानें वजह

  • दिल्ली महिला आयोग ने इंडियन बैंक को नोटिस भेजा है
  • तीन माह की गर्भवती महिला को अयोग्य करार दिया गया
  • स्टेट बैंक ने भी जारी की थी ऐसी नोटिस जो वापस ली गई थी

Written by:Sandip
Published: June 20, 2022 05:12:38 New Delhi, Delhi, India

दिल्ली महिला आयोग (DCW) ने ‘इंडियन बैंक’ (Indian Bank) को नोटिस जारी करके उससे अपने इस दिशा-निर्देश को वापस लेने को कहा है, जिसके तहत तीन माह या उससे अधिक समय की गर्भवती महिलाओं को नौकरी के लिए ‘‘अस्थायी रूप से अयोग्य’’ करार दिया गया है. बैंक के इस कदम की विभिन्न संगठनों ने कड़ी आलोचना की है, लेकिन उसने अभी तक इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है.

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इससे पहले, जनवरी में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने इसी प्रकार के नियम लागू किए थे. नियमों के तहत तीन माह से अधिक अवधि की गर्भवती महिला उम्मीदवारों को ‘अस्थायी रूप से अयोग्य’ माने जाने की बात कही गई थी. इस प्रावधान को श्रमिक संगठनों और दिल्ली के महिला आयोग समेत समाज के कई तबकों ने महिला-विरोधी बताते हुए निरस्त करने की मांग की थी. इसके बाद एसबीआई को इस नियम को ठंडे बस्ते में डालना पड़ा था.

पीटीआई के मुताबिक, दिल्ली महिला आयोग ने अपने नोटिस में कहा कि इंडियन बैंक का यह कदम ‘भेदभावपूर्ण और अवैध’ है क्योंकि यह ‘सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020’ के तहत प्रदान किए गए मातृत्व लाभों के विपरीत है.

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उसने कहा, “इसके अलावा, यह लिंग के आधार पर भेदभाव करता है जो भारत के संविधान के तहत प्रदत्त मौलिक अधिकारों के खिलाफ है.”

डीसीडब्ल्यू ने एक बयान में बताया कि उसने इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक को भी पत्र लिखा है.

डीसीडब्ल्यू की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा कि पैनल ने इंडियन बैंक द्वारा कर्मचारियों की भर्ती के नए दिशानिर्देश जारी किए जाने संबंधी मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लिया है.

आयोग ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बैंक द्वारा हाल में जारी एक परिपत्र के तहत नियत प्रक्रिया के माध्यम से चुने जाने के बावजूद उन महिलाओं को सेवा में शामिल होने से रोक दिया गया है, जो तीन महीने से अधिक की गर्भवती हैं.

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उसने कहा, ‘‘बैंक ने नियम बनाए हैं जिनमें कहा गया है कि यदि कोई महिला उम्मीदवार तीन महीने की गर्भवती है, तो उसे ‘अस्थायी रूप से अयोग्य’ माना जाएगा और वह चयन होने के बाद भी तत्काल कार्यभार ग्रहण नहीं कर पाएगी. इससे उनके नौकरी शुरू करने में देरी होगी और बाद में वे अपनी वरिष्ठता खो देंगी.’’

डीसीडब्ल्यू ने कहा, ‘‘आयोग ने इंडियन बैंक को नोटिस जारी किया है और उससे नए महिला विरोधी दिशानिर्देशों को वापस लेने को कहा है.

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पैनल ने बैंक को 23 जून तक मामले में की जाने वाली कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट देने को कहा है. मालीवाल ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर को भी पत्र लिखा है. उन्होंने आरबीआई के गवर्नर से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है.

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