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10 months ago .New Delhi, India

लोकमान्य बालगंगाधर तिलक के 5 सबसे प्रसिद्ध नारे, जिन्हें हर भारतीयों को अपनाना चाहिए

बालगंगाधर तिलक के 5 फेमस नारे.

23 जुलाई 1856 को बाल गंगाधर तिलक का जन्म हुआ. 1 अगस्त 1920 को गंगाधर तिलक का निधन हुआ था. गंगाधर तिलक के कई नारे हैं जो काफी फेमस हुए हैं.

Written by:Sneha
Published: August 01, 2023 10:16:55 New Delhi, India

Lokmanya Balgangadhar Tilak 5 Slogans: भारत की आजादी में कई सारे महापुरुषों ने हिस्सा लिया. उनमें से कई लोगों के नारे, भाषण और भी बहुत कुछ आज भी काफी प्रसिद्ध हैं. उनमें से एक थे लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जो देश के पहले स्वतंत्रता सेनानी थे. उन्होंने पूर्ण स्वराज की मांग अंग्रेजों के सामने की थी और उनके मन में खौफ पैदा करने का काम किया था. ब्रिटिश सरकार की जड़ों को हिलाने वाले बालगंगाधर तिलक का निधन 1 अगस्त 1920 को बॉम्बे (अब मुंबई) में हुआ था. लोकमान्य तिलक भले भी आज हमारे बीच ना हों लेकिन उनके दिये गए संदेश और नारे आज भी भारतीयों के खून को उबाल सकते हैं. उनकी कही बातें आज भी समाज में एकता कायम कर सकते हैं.

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लोकमान्य बालगंगाधर तिलक के 5 सबसे प्रसिद्ध नारे (Lokmanya Balgangadhar Tilak 5 Slogans)

लोकमान्य बालगंगाधर तिलक ने लोगों को एकजुट करने के लिए पूरे महाराष्ट्र में गणेश उत्सव मनाने का चलन शुरू किया. उस दौर में तीन स्वतंत्रता सेनानी काफी प्रसिद्ध थे जिनके नाम बालगंगाधर तिलक, लाल लाजपत राय और विपिन चंद्रपाल थे. किसी भी सभा में इन तीनों स्वतंत्रता सेनानियों को बाल, लाल और पाल के नाम से संबोधित किया जाता था. बाल गंगाधर तिलक की पुण्यतिथि पर हम आपको उनके 5 फेमस नारे याद दिलाने वाले हैं.

1.स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है, इसे तो हम लेकर रहेंगे.

2.धर्म और व्यावहारिक जीवन अलग नहीं होता. सन्यास लेना जीवन का परित्याग नहीं होता. असली भावना सिर्फ अपने लिए काम करने की बजाय देश को अपना परिवार बनाकर मिलजुलकर रहना होता है.

3.प्रगति स्वतंत्रता में निहित है. बिना स्वशासन के ना औद्योगिक विकास होता है, ना राष्ट्र के लिए शैक्षिक योजनाएं उपयोगी होती हैं. देश की स्वतंत्रता के लिए प्रयत्न करना समाजिक सुधारों के लिए आवश्यक है.

4.भूविज्ञानी पृथ्वी का इतिहास वहां से उठाते हैं जहां से पुरातत्व इसे छोड़ देते हैं. इसे और भी पुरातनता में ले जाने के लिए इसकी गहराई में उतरना होता है.

5.ये बात सच है कि बारिश की कमी के कारण अकाल पड़ता है लेकिन ये भी उतना ही सच है कि भारत के लोगों में इस बुराई से लड़ने की शक्ति नहीं है.

क्या है लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार? (Lokmanya Tilak National Award)

साल 1983 में तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट ने लोमान्य तिलर राष्ट्रीय पुरस्कार की शुरुआत की थी. यह प्रतिष्ठित पुरस्कार ट्रस्ट द्वारा हर साल लोकमान्य तिलक की पुण्यतिथि के खास मौके पर प्रदान करते हैं. लोकमान्य तिलक 20वीं सदी की शुरुआत में भारत के पहले स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्हें आज भी लोग सम्मान के साथ याद करते हैं. ये पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है जो भारत की प्रगती और भलाई के लिए काम करते हैं. भारत का गौरव बढ़ाने वालों को ही ये सम्मान दिया जाता है. साल 2023 में भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ये सम्मान दिया जा रहा है. इनसे पहले पूर्व राष्ट्रपति डॉ शंकर दयाल शर्मा और प्रणब मुखर्जी को ये सम्मान मिला. इनके अलावा अटल बिहारी बाजपेयी, इंदिरा गांधी और मनमोहन सिंह को भी ये सम्मान मिल चुका है.

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