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1 year ago .New Delhi

Indian Flag Designer: किसने किया था भारतीय ध्वज को डिजाइन? जानिए पूरा इतिहास

15 अगस्त 1947 को हमारा देश आजाद हुआ था. (फोटो साभार: Twitter/@dpradhanbjp)

15 अगस्त 1947 को हमारा देश आजाद हुआ था. पूरे देश में इस दिन को लोग खुशी और उत्साह के साथ मनाते हैं. इस दिन कई जगहों पर कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं.

Written by:Gautam Kumar
Published: August 13, 2023 04:45:00 New Delhi

Indian Flag Designer: भारत इस साल 15 अगस्त को अपना 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए पूरी तरह तैयार है. इस अवसर को चिह्नित करने के लिए सभी भारतीय घरों में तिरंगे लाने का अभियान जोरों पर है. हर घर तिरंगा अभियान के माध्यम से नागरिकों को स्वतंत्रता दिवस पर स्वतंत्रता संग्राम के स्थायी प्रतीक राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. लेकिन जब हम झंडे का जश्न मनाते हैं, तो हमें उस व्यक्ति को नहीं भूलना चाहिए जिसने इसे डिजाइन (Indian Flag Designer) किया था. क्या आपको पता है भारतीय ध्वज को किसने डिजाइन किया था. अगर नहीं तो आइए जानते हैं उनके बारे.

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कौन थे पिंगली वेंकैया (Indian Flag Designer)

पिंगली वेंकैया का जन्म 2 अगस्त, 1876 को मद्रास प्रेसीडेंसी, जो अब आंध्र प्रदेश राज्य है, मछलीपट्टनम के पास भाटलापेनुमारू गांव में हुआ था. एक तेलुगु ब्राह्मण परिवार में जन्मे वेंकैया पढ़ाई के लिए कैम्ब्रिज गए और उनकी रुचि भूविज्ञान, कृषि, शिक्षा और भाषाओं में थी.

वेंकैया बहुभाषी थे और धाराप्रवाह जापानी भाषा बोलते थे. वह ब्रिटिश सेना में भर्ती हुए और दूसरे बोअर युद्ध (1899-1902) के दौरान दक्षिण अफ्रीका में तैनात हुए, जहां उनकी पहली मुलाकात महात्मा गांधी से हुई. तब वह केवल 19 साल के थे. वेंकैया को भारतीयों के लिए एक ध्वज की आवश्यकता तब महसूस हुई जब युद्ध के दौरान सैनिकों को ब्रिटेन के राष्ट्रीय ध्वज यूनियन जैक को सलामी देनी पड़ी.

भारत लौटने के बाद, वेंकैया ने संभावित डिजाइनों पर काम किया, जिन्हें स्वतंत्रता का प्रतिनिधित्व करने के लिए नवगठित स्वराज आंदोलन के ध्वज के रूप में इस्तेमाल किया गया. दरअसल, 1916 में वेंकैया ने 30 संभावित ध्वज डिजाइनों वाली एक पुस्तक प्रकाशित की थी. 1918 से 1921 तक वेंकैया ने कांग्रेस नेतृत्व के समक्ष विभिन्न विचार भी प्रस्तुत किए. उस समय वह मछलीपट्टनम में आंध्र नेशनल कॉलेज में भी कार्यरत थे.

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कैसे बना भारतीय ध्वज

भारतीय ध्वज का पहला संस्करण 1921 में अस्तित्व में आया. वेंकैया ने महात्मा गांधी को खादी ध्वज का प्रारंभिक डिज़ाइन दिखाया था. यह पहला झंडा लाल और हरे रंग का था – लाल देश में हिंदुओं का प्रतिनिधित्व करता था और हरा मुसलमानों का प्रतिनिधित्व करता था. गांधी जी के सुझाव पर वेंकैया ने देश में मौजूद अन्य सभी संप्रदायों और धर्मों का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक सफेद पट्टी जोड़ दी. हालाकिं झंडे को आधिकारिक तौर पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) द्वारा नहीं अपनाया गया था, जिसने 1931 में पट्टियों को फिर से व्यवस्थित किया और लाल को नारंगी में बदल दिया, लेकिन इसका उपयोग पूरे देश में किया जाने लगा.

वेंकैया ने गांधीवादी विचारधारा के अनुसार विनम्रतापूर्वक जीवन व्यतीत किया और 1963 में सापेक्ष गरीबी में उनकी मृत्यु हो गई. उनकी स्मृति में एक डाक टिकट और पहला झंडा 2009 में जारी किया गया था. 2014 में, उनका नाम मरणोपरांत भारत रत्न के लिए प्रस्तावित किया गया था, हालांकि प्रस्ताव पर केंद्र सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

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