Symptoms of Measles: सर्दी समझने की न करें भूल, खसरा बीमारी की ऐसे करें पहचान
- खसरे की बीमारी का स्थायी इलाज केवल इससे बचाव ही है
- खसरे से बचाव के लिए लोगों को खसरा का टीका लगवाना चाहिए
- बच्चे को खसरा से सुरक्षित रखने के लिए 2 टीके दिए जाते हैं
पिछले कुछ दिनों में मुंबई में खसरे (Measles) के मामलों में इजाफा हुआ है. मीडिया रिपोर्ट्स की जानकारी के मुताबिक मुंबई में अब तक करीब 109 मामलों की पुष्टि हो चुकी है. वहीं 50 बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं.
बढ़ते मामलों को देखते हुए मुंबई नगर निगम (BMC) ने शहर में खसरा बीमारी (Disease) का प्रकोप घोषित कर दिया है. साथ ही बच्चों को खसरा के टीकाकरण (Vaccination) के लिए तैयार करने और जागरूकता फैलाने का काम भी किया जा रहा है. वहीं स्वास्थ्य (Health) अधिकारियों और आशा कार्यकर्ताओं को प्रभावित क्षेत्रों में घर-घर जाकर सर्वे करने के निर्देश दिए गए हैं.
यह भी पढ़ें: क्या है Vestibular Hypofunction? जानें इसके लक्षण और बचाव के उपाय
क्यों जरूरी है खसरा का टीकाकरण?
आपको बता दें कि खसरा का एकमात्र स्थायी इलाज केवल इससे बचाव ही है. खसरे से बचाव के लिए लोगों को खसरा का टीका (MR1-खसरा और रूबेला का टीका) लगवाना चाहिए. जानकारों के मुताबिक इस समय खसरे से बचाव का एक ही उपाय है. बच्चे को खसरा से सुरक्षित रखने के लिए 2 टीके दिए जाते हैं.
यह भी पढ़ें: क्या होता है Myositis? जानें इसके लक्षण और बचाव के उपाय
खसरे के लक्षणों को सर्दी का असर समझने की न करें भूल
आपको बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने खसरे को पूरी दुनिया में फैले बच्चों की गंभीर बीमारी बताया है. खसरा उन बीमारियों में से एक है जिसका खतरा हर साल मौसम बदलने के साथ बढ़ता जाता है. यह एक संक्रामक बीमारी है और आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है. इसे रूबेला भी कहते हैं. खसरा या रूबेला रोग के कारण शरीर पर कुछ ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं जो सर्दी के कारण होने वाली समस्याओं के समान होते हैं और इसीलिए लोग कभी-कभी इस बीमारी को मामूली समझ कर समय पर इलाज नहीं करते हैं.
(नोटः ये जानकारी एक सामान्य सुझाव है. इसे किसी तरह के मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें. आप इसके लिए अपने डॉक्टरों से सलाह जरूर लें.)
Related Articles
ADVERTISEMENT