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9 months ago .New Delhi, India

Bollywood Movies on Teachers: टीचर्स डे पर देखें बॉलीवुड की ये 7 जबरदस्त फिल्में, देखें लिस्ट

बच्चे फिल्मों से बहुत कुछ सीख सकते हैं. (फोटो साभार: Twitter)

5 सितंबर के दिन देशभर में टीचर्स डे मनाया जाता है. इस दिन डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती होती है. शिक्षकों पर बॉलीवुड ने कई बेहतरीन फिल्में बनाई हैं.

Written by:Sneha
Published: September 04, 2023 07:45:00 New Delhi, India

Bollywood Movies on Teachers: 5 सितंबर के दिन आजाद भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन (Dr. Sarvepalli Radhakrishnan) की जयंती पड़ती है. इसी दिन को शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाता है. इंसान के जीवन में शिक्षक या अध्यापक की एक खास जगह होती है, माता-पिता के बाद अध्यापक ही हैं, जो हमें जीवन के सही-गलत पाठ पढ़ाते हैं. हिंदी सिनेमा में भी हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है और यहां कई ऐसी फिल्में भी आईं जो शिक्षकों के सम्मान में बनी. इन फिल्मों से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है. उन फिल्मों को देखकर आपको भी यही लगेगा कि काश ऐसा शिक्षक हमारे जीवन में भी होते.

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टीचर्स डे पर देखें बॉलीवुड की ये 7 जबरदस्त फिल्में (Bollywood Movies on Teachers)

गुरु वही होता है, जो अपने कमजोर शिष्य का हाथ भी कसकर पकड़े और उसकी हर मुश्किल को दूर करे. फिल्मों के जरिए भी हमें ऐसे कई उदाहरण देखने को मिले, ये फिल्में उन्हीं में से एक हैं. आपको यहां बताई गई 7 फिल्मों को एक बार जरूर देखना चाहिए.

ब्लैक (2005)

संजय लीला भंसाली की फिल्म ब्लैक में गुरु-शिष्य के रिश्ते को बहुत ही अलग तरीके से बयां किया गया. फिल्म में एक अंधी लड़की (रानी मुखर्जी) होती है जिसे कोई पढ़ाता-लिखाता नहीं है क्योंकि वो कभी-कभी हिंसात्मक कदम उठा लेती है. मगर शिक्षक के रूप में आए अमिताभ बच्चन उस बच्ची के जीवन में आते हैं और उसे ग्रेजुएट करवा देते हैं. साथ ही वो जीवन के हर भावों से भी उस बच्ची को अवगत कराते हैं.

इकबाल (2005)

नगेश कुकुनूर की फिल्म इक़बाल एक बेहतरीन फिल्म रही है. गुरु-शिष्य की समझ को इस फिल्म में बखूबी दिखाया गया है. ये कहानी एक गूंगे-बहरे बच्चे (श्रेयष तलपड़े) की है जो गांव का लड़का है, जो नेशनल लेवल पर क्रिकेट खेलना चाहता है. उसका साथ कोई नहीं देता, लेकिन एक ऐसे शिक्षक (नसीरूद्दीन शाह) उसके जीवन में आते हैं जो उसे सुनते, समझते और उसके लिए कुछ करना चाहते है.

तारे जमीन पर (2007)

आमिर खान द्वारा निर्देशित-निर्मित फिल्म ‘तारे जमीन पर’ एक बेहतरीन फिल्म साबित हुई थी. फिल्म एक ऐसे छात्र (दर्शील सफारी) की कहानी को दिखाया गया है, जिसका मन पढने में नहीं लगता है. उसके माता-पिता को लगता था कि वो बदमाशी कर रहा है, उसे पीटते भी थे. तभी उस बच्चे के जीवन में राम शंकर निकुंभ (आमिर खान) की एंट्री होती है, जो उसे इस समस्या से बाहर भी निकालता है.

थ्री इडियट्स (2009)

राज कुमार हिरानी की फिल्म थ्री इडियट्स में गुरु-शिष्य का रिश्ता कैसा होना चाहिए ये तो बताया ही गया है, इसके साथ ही दोस्ती को निभाने के गुण भी दिखाए गए हैं. इस फिल्म में आमिर खान, आर माधवन और शरमन जोशी स्टूडेंट होते हैं लेकिन अहम किरदार आमिर का होता है जो अपने कॉलेज के प्रिंसिपल (बोमन ईरानी) को सिखाते हैं कि अपने शिष्यों के साथ हमेशा गुस्से या गर्माहट के साथ पेश नहीं आना चाहिए. उन्हें समझें और जो वे चाहते हैं उन्हें बनने दें, वरना उनका करियर खराब हो सकता है.

नील बटे सन्नाटा (2016)

अश्विनी अय्यर तिवारी की फिल्म नील बटे सन्नाटा मां-बेटी (स्वरा भास्कर और रिया शुक्ला) के रिश्ते पर आधारित है. एक अनपढ़ मां चाहती है कि उसकी बेटी खूब पढ़े लिखे, इसके लिए वो एक बड़े घर में काम भी करती है. मगर जब वो एक स्कूल में अपनी बच्ची के एडमिशन के लिए जाती है तो वो हो जाता है साथ ही उसे भी पढ़ने की सलाह दी जाती है.

हिचकी (2018)

सिद्धार्थ मल्होत्रा द्वारा निर्देशित फिल्म हिचकी में रानी मुखर्जी ने एक ऐसी महिला की भूमिका निभाई थी जिसे एक ऐसी बीमारी होती है जिसके मुंह से रह-रहकर अजीब सी आवाज आती है. वो अपनी इस बीमारी से परेशान रहती हैं लेकिन एक सफल टीचर बनना चाहती हैं. उन्हें कहीं नौकरी नहीं मिल पाती लेकिन एक ऐसी जगह मिलती है जहां उन्हें बस्ती के बच्चों को संभालना पड़ता है. टास्क चैलेंजिंग होता है लेकिन वे अपनी अच्छाई से उनका दिल जीत लेती हैं.

सुपर-30 (2019)

विकास बहल की फिल्म सुपर-30 एक बायोपिक फिल्म थी, जो पटना के रहने वाले आनंद कुमार के जीवन पर आधारित थी. वे भी कुछ बनना चाहते थे, लेकिन पैसों की कमी के कारण नहीं बन पाते, तब वे ठान लेते हैं कि अब वे उन बच्चों को शिक्षा देंगे जो आईआईटी में जाना चाहते हैं, लेकिन पैसों के कारण नहीं जा पाते. वे उन्हें मुफ्त में पढ़ाते हैं और देश में उनका नाम होता है.

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