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11 months ago .New Delhi

Yogini Ekadashi 2023: कब है योगिनी एकादशी? जानें इस एकादशी का महत्व और शुभ मुहूर्त

अधिकमास और एकादशी दोनों ही भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है. (फोटो साभार: Pixabay)

आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की तिथि को योगिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है. यह व्रत तीनों लोकों में अपने पुण्य फल के लिए जाना जाता है. योगिनी एकादशी का व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है.

Written by:Gautam Kumar
Published: June 02, 2023 09:13:20 New Delhi

Yogini Ekadashi 2023: हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को योगिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है. यह व्रत तीनों लोकों में अपने पुण्य फल के लिए जाना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो मनुष्य योगिनी एकादशी का व्रत करके भगवान विष्णु की पूजा करता है, उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस व्रत को करने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर पुण्य मिलता है. इतना ही नहीं मरने के बाद स्वर्ग की प्राप्ति होती है. आइये जानते हैं कि कब है योगिनी एकादशी व्रत? क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त?

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योगिनी एकादशी 2023 पूजा मुहूर्त (Yogini Ekadashi 2023)

जो लोग योगिनी एकादशी का व्रत रखेंगे, उन्हें विष्णु पूजा का शुभ मुहूर्त पता होना चाहिए. व्रत के दिन 14 जून को योगिनी एकादशी पूजा के दो शुभ मुहूर्त हैं. पहला मुहूर्त सुबह 05 बजकर 23 मिनट से 08 बजकर 52 मिनट तक है. इसके बाद दूसरा मुहूर्त सुबह 10 बजकर 37 मिनट से दोपहर 12 बजकर 21 मिनट तक है. इन दोनों में से किसी भी शुभ मुहूर्त में आप अपनी सुविधा के अनुसार पूजा कर सकते हैं.

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योगिनी एकादशी 2023 पारण का समय

योगिनी एकादशी का व्रत का पारण 15 जून, गुरुवार को किया जाएगा. उस दिन सुबह 05 बजकर 23 मिनट से एकादशी व्रत का पारण किया जा सकता है. पारण समाप्त होने का समय सुबह 08.10 बजे है. इस अवधि में पारण करना उचित है. इस दिन द्वादशी तिथि का समापन सुबह 08 बजकर 32 मिनट पर हो रहा है. द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले पारण कर लेना उचित रहेगा.

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योगिनी एकादशी व्रत का महत्व

जब युधिष्ठिर ने भगवान कृष्ण से आषाढ़ कृष्ण एकादशी के महत्व के बारे में पूछा तो श्रीकृष्ण ने बतया कि इस एकादशी को योगिनी एकादशी के नाम से जानते हैं. इस व्रत को करने से मनुष्य को पृथ्वी लोक के समस्त सुखों की प्राप्ति होती है और परलोक में मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस व्रत को करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. मृत्यु के बाद उसे स्वर्ग की प्राप्ति होती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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