Home > Vat Savitri Vrat 2023: वट सावित्री व्रत और शनि जयंती पर बनेगा ग्रहों का शुभ संयोग, इन लोगों को होगा जबरदस्त लाभ!
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12 months ago .New Delhi

Vat Savitri Vrat 2023: वट सावित्री व्रत और शनि जयंती पर बनेगा ग्रहों का शुभ संयोग, इन लोगों को होगा जबरदस्त लाभ!

हिंदू धर्म में रमा एकादशी का विशेष महत्व है. (फोटो साभार: Unsplash)

सनातन धर्म में वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व है इस बार वट सावित्री व्रत पर शुभ संयोग बन रहे हैं इस बार वट सावित्री व्रत 19 मई को मनाया जाएगा.

Written by:Ashis
Published: May 15, 2023 09:37:27 New Delhi

सनातन धर्म में वट सावित्री व्रत का विशेष महत्व माना गया है. यह व्रत पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है. आपको बता दें कि ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को वट सावित्री का व्रत (Vat Savitri Vrat 2023) धारण किया जाता है. आपको बता दें कि आगामी 19 मई को जेठ अमावस्या के दिन बट सावित्री व्रत (Vat Savitri Vrat 2023) और शनि जयंती पर ग्रहों का बेहद शुभ संयोग बन रहा है. माना जा रहा है कि इन शुभ संयोग के बीच वट सावित्री व्रत के साथ शनि जन्मोत्सव पर पूजा पाठ करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होगी. सभी तरह की मनोकामनाएं पूर्ण होंगी. साथ ही महिलाओं को अखंड सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद प्राप्त होगा.

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वट सावित्री व्रत पर कौन से योग बनेंगे ?

ज्योतिषविदों के अनुसार, वट सावित्री (Vat Savitri Vrat 2023), शनि जयंती के दिन शनि स्वराशि कुंभ में रहकर शश नाम का राजयोग बना रहे हैं. इसके साथ ही इस दिन चंद्रमा गुरु के साथ मेष राशि में रहकर गजकेसरी राजयोग का निर्माण करेंगे तथा भरणी नक्षत्र एवं शोभान योग अपनी श्रेष्ठ स्थिति में होंगे. बृहस्पति का अधिपति शोभान योग 27 योगों में से एक प्रमुख योग की श्रेणी में आता है. मान्यता है कि इस योग (Vat Savitri Vrat 2023) में किए गए सभी कार्य के परिणाम शुभ होते हैं.

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शनिदेव की पूजा होगी लाभकारी

वर्तमान समय में कर्क राशि, वृश्चिक राशि पर शनि का ढैय्या चल रही है. वही कुंभ राशि, मकर राशि, मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है. जिन जातकों की जन्म कुंडली में शनि की विपरीत स्थिति महादशा, अंतर्दशा, शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या चल रही है. उन्हें शनि की प्रसन्नता के लिए सरसों के तेल से शनि जयंती पर अभिषेक कर काले तिल, लोहे की वस्तु, काली उड़द दाल आदि चीजें शनिदेव को अर्पित करना चाहिए. इसके अलावा दशरथ कृत शनि स्त्रोत का पाठ करना चाहिए, काले गुलाब जामुन अपाहिज लोगों को प्रति शनिवार खिलाने चाहिए व शिव तथा हनुमान जी की आराधना करनी चाहिए.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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