Jyeshtha Month Do’s and Don’t: हिंदू पंचांग के अनुसार जेठ मास की शुरुआत 6 मई से हो चुकी है. सनातन धर्म में ज्येष्ठ मास को बहुत ही महत्वपूर्ण बताया गया है. विशेष रूप से ज्येष्ठ मास के मंगलवार विशेष होते हैं, इसलिए इन्हें बड़ा मंगलवार या बुधवा मंगल कहा जाता है. इस महीने में बजरंगबली की पूजा का विशेष महत्व होता है साथ ही भगवान विष्णु को भी ज्येष्ठ का महीना प्रिय होता है. ज्येष्ठ मास 4 जून 2023 तक रहेगा और इस दौरान कई काम करने से बचना चाहिए नहीं तो बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है.

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जेठ के महीने में क्या करें और क्या न करें

जेठ का महीना संकटमोचक हनुमान, श्री हरि विष्णु और वरुण देवता की पूजा का महीना है. इस महीने में बहुत गर्मी पड़ती है. पहले महीने में सूर्य देव की भी पूजा करनी चाहिए.

ज्येष्ठ के महीने में सुबह जल्दी उठकर उगते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दें. इसके लिए तांबे के पात्र से जल चढ़ाते समय ‘ॐ सूर्याय नम:’ मंत्र का जाप करें. साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि जल चढ़ाते समय सीधे सूर्य की ओर न देखें, बल्कि घड़े से गिरने वाले जल की धारा से ही सूर्य देव को देखें.

ज्येष्ठ मास में दोपहर के समय सोने से बचें. नहीं तो यह गलती आपको बीमारी का शिकार बना सकती है. कई तरह की शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.

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ज्येष्ठ के महीने में गाय सहित पशु-पक्षियों के पीने के लिए पानी अवश्य रखें. ऐसा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है.

वैसे तो पानी को कभी भी बर्बाद नहीं करना चाहिए, लेकिन ज्येष्ठ मास में पानी की बर्बादी से वरुण देव नाराज हो जाते हैं.

ज्येष्ठ के महीने में गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें. जेठ के महीने में जल से भरे घड़े, सत्तू, रसीले फल जैसे तरबूज, सूती वस्त्र, जूते-चप्पल का दान करना चाहिए. सार्वजनिक स्थानों पर जल तालिका की व्यवस्था करने से बहुत लाभ मिलता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)