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September Last Pradosh Vrat 2023: कब है भाद्रपद का आखिरी प्रदोष? जानिए तिथि, मुहूर्त और पूजा विधि

भाद्रपद मास का आखिरी प्रदोष व्रत शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाएगा. (फोटो साभार: Pexel)

भाद्रपद मास का आखिरी प्रदोष व्रत शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाएगा. उस दिन रवि योग बन रहा है, इस शुभ योग में भगवान शिव की पूजा की जाएगी. भाद्रपद का आखिरी प्रदोष बुधवार को पड़ रहा है इसलिए यह बुध प्रदोष व्रत है.

Written by:Gautam Kumar
Published: September 20, 2023 01:24:55 New Delhi

September Last Pradosh Vrat 2023: भाद्रपद मास का आखिरी प्रदोष व्रत शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाएगा. उस दिन रवि योग बन रहा है, इस शुभ योग में भगवान शिव की पूजा की जाएगी. भाद्रपद का आखिरी प्रदोष बुधवार को पड़ रहा है इसलिए यह बुध प्रदोष व्रत है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बुध प्रदोष के दिन व्रत रखने और भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस बार बुध प्रदोष व्रत पर पूरे दिन पंचक रहेगा. आइए जानते हैं भाद्रपद का आखिरी प्रदोष व्रत कब है? प्रदोष पर शिव पूजा मुहूर्त क्या है?

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भाद्रपद अंतिम प्रदोष व्रत 2023 की तिथि और समय क्या है? (September Last Pradosh Vrat 2023)

इस वर्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 27 सितंबर, बुधवार को सुबह 01:45 बजे शुरू होगी और यह तिथि 27 सितंबर को ही सुबह 10:18 बजे समाप्त होगी.  ऐसे में भाद्रपद का आखिरी प्रदोष व्रत 27 सितंबर को रखा जाएगा.

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भाद्रपद अंतिम प्रदोष व्रत 2023 पूजा मुहूर्त

इस बार भाद्रपद के आखिरी प्रदोष व्रत पर आपको शिव पूजा के लिए 2 घंटे 24 मिनट का शुभ समय मिलेगा. प्रदोष काल में शिव पूजा का शुभ समय शाम 06:12 बजे से रात 08:36 बजे तक है. इस समय शुभ समय शाम 07:42 बजे से रात 09:12 बजे तक है. जब आप प्रदोष व्रत की पूजा करेंगे तो वह शुभ समय होगा.

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भाद्रपद प्रदोष व्रत एवं पूजा विधि

भाद्रपद के आखिरी प्रदोष के दिन सुबह स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें और शिव की पूजा करें. फिर पूरा दिन शिव भक्ति और आराधना में व्यतीत करें. इसके बाद शाम के समय शुभ मुहूर्त में भगवान शिव की पूजा करें. गंगाजल और गाय के दूध से शिवलिंग का अभिषेक करें. फिर भगवान शिव को अक्षत, बेलपत्र, भांग, फूल, धतूरा, शहद, चंदन, फल, मिठाई, भस्म आदि चढ़ाएं.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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