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10 months ago .New Delhi

Sawan Month: अद्भुत है बाबा भोलेनाथ का रूप, जानें उनका शारीरिक श्रृंगार और उसका महत्व

अक्टूबर 2023 में आश्विन मासिक शिवरात्रि मनाई जाएगी. (फोटो साभार: Unsplash)

सावन के महीने में सभी शिवभक्त भोले बाबा की भक्ति में लीन रहते हैं. बाबा भोलेनाथ हमेशा अपने भक्तों पर कृपा बरसाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि उनके शारीरिक श्रंगार का क्या महत्व है.

Written by:Gautam Kumar
Published: July 26, 2023 01:31:33 New Delhi

Sawan Month: सावन के महीने में सभी शिवभक्त भोले बाबा की भक्ति में लीन रहते हैं. बाबा भोलेनाथ हमेशा अपने भक्तों पर कृपा बरसाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं. वे मुक्त हस्त से वरदान देने वाले देवता हैं, चाहे देवता हों या उनके लिए तपस्या करने वाला असुर, संकट के समय सभी ने महादेव की शरण ली और भगवान ने बिना किसी भेदभाव के उन पर अपनी कृपा बरसाई. शिव के रूप की अद्भुत महिमा है. सावन का चौथा सोमवार 31 जुलाई को है. इस मौके पर उनके स्वरूप के बारे में भी जानिए.

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शीश (Sawan Month)

मां गंगा भगवान शिव के सिर पर विराजमान हैं. दरअसल गंगा उनके कंठ में व्याप्त विष की गर्मी को शांत करती हैं. वह महादेव के क्रोध को भी शांत करती हैं. पृथ्वीवासियों के कल्याण के लिए ही महादेव ने गंगा को अपने मस्तक पर धारण किया है.

जटा

महादेव की जटाओं को वट वृक्ष की संज्ञा दी गई है, जो समस्त प्राणियों का विश्राम स्थल है. मान्यता है कि बाबा की जटाओं में वायु की गति भी निहित है.

शशिशेखर

महादेव, जिन्होंने शापित चंद्रमा का सम्मान किया और उसे अपने सिर पर धारण किया, को शशि शेखर कहा जाता था. चंद्रमा समय का प्रतीक है इसलिए यह समय चक्र की जानकारी भी देता है.

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त्र्यंबक

शिव को त्र्यंबक के नाम से भी जाना जाता है. उनकी दायीं आंख में सूर्य की चमक और बायीं आंख में चंद्रमा की शीतलता है. माथे पर बनी तीसरी आंख में अग्नि की ज्वाला मौजूद होती है, जो बुराई को नियंत्रित कर सकती है, साथ ही माथे पर बनी आंख विवेक का भी प्रतिनिधित्व करती है.

अर्धनारीश्वर

शिव का अर्धनारीश्वर रूप शक्ति का प्रतीक है. इस स्वरूप के मूल में ब्रह्माण्ड की संरचना है. अर्धनारीश्वर सृजन का प्रतीक है. शक्ति के बिना सृजन संभव नहीं है. अर्धनारीश्वर शिव और शक्ति का एक संयोजन है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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