Home > Rath Yatra 2023 Date and Time: कब निकाली जाएगी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा? जानिए डेट, समय और धार्मिक महत्व
opoyicentral

11 months ago .New Delhi

Rath Yatra 2023 Date and Time: कब निकाली जाएगी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा? जानिए डेट, समय और धार्मिक महत्व

ओडिशा के पुरी में हर साल भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है. (फोटो साभार: Twitter @purirathyatra)

ओडिशा के पुरी में हर साल भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है. इस वर्ष रथ यात्रा 20 जून 2023 को निकाली जाएगी. जानिए रथ यात्रा की तारीख, टाइम और मंदिर से जुड़ी अन्य बातों के बारे में.

Written by:Gautam Kumar
Published: May 31, 2023 04:31:51 New Delhi

Rath Yatra 2023 Date and Time: ओडिशा के पुरी में हर साल भगवान जगन्नाथ की भव्य रथ यात्रा निकाली जाती है. इस वर्ष रथ यात्रा 20 जून 2023 को निकाली जाएगी. हिंदू पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को रथ यात्रा निकाली जाती है. इस रथ यात्रा में भाग लेने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं. रथ यात्रा का यह पर्व पूरे 10 दिनों तक धूमधाम से मनाया जाता है. जगन्नाथ जी की रथ यात्रा पुरी सहित अन्य शहरों में निकाली जाती है. मान्यताओं के अनुसार साल भर इस रथ यात्रा में शामिल होने वाले भक्तों पर भगवान जगन्नाथ की कृपा बनी रहती है.

यह भी पढ़ें: Budh Gochar 2023 Effects: 7 जून को वृष राशि में गोचर कर रहा बुध, इन 4 राशि वालों पर होने जा रहा विशेष लाभ

रथ यात्रा 2023 तारीख और समय (Rath Yatra 2023 Date and Time)

आषाढ़ मास के शुक्लपक्ष की द्वितीया का प्रारंभ – प्रात: 11 बजकर 25 मिनट (19 जून 2023)

आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि – दोपहर 1 बजकर 7 मिनट तक (20 जून 2023)

रथ यात्रा 2023 तारीख – 20 जून 2023

यह भी पढ़ें: June Rashifal: जून महीने में 5 राशियों के लिए होगी खुशखबरी, लेकिन इन 4 राशियों के सामने होगी चुनौती

रथ यात्रा का महत्व

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ, बलभद्र जी और देवी सुभद्रा रथ में बैठकर अपने गुंडिचा मंदिर जाते हैं. गुंडिचा मंदिर को जगन्नाथजी की मौसी का घर बताया जाता है. यहां तीनों भाई-बहन 7 दिनों तक आराम करते हैं. इसके बाद आषाढ़ शुक्ल पक्ष की दशमी को भगवान जगन्नाथ, बलभद्र जी और देवी सुभद्रा को वापस मंदिर में विराजमान किया जाता है. रथ यात्रा में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं के सभी संकट और दुख दूर हो जाते हैं. कहा जाता है कि भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचने वाले को 100 यज्ञ करने के बराबर शुभ फल मिलते हैं.

यह भी पढ़ें: June 2023 Ekadashi: जून माह में कब-कब मनाई जाएगी एकादशी? जान लें तारीख और महत्व

जगन्नाथ मंदिर के बारे में

पुरी के इस प्रसिद्ध मंदिर में भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलभद्र (बलराम) और बहन सुभद्रा के साथ विराजमान हैं. रथ यात्रा के दौरान तीनों भाई-बहनों की मूर्तियों को रथ में बैठाकर नगर भ्रमण के लिए ले जाया जाता है. माना जाता है कि जगन्नाथ मंदिर की रसोई दुनिया की सबसे बड़ी रसोई है. जगन्नाथ मंदिर एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां प्रसाद को ‘महाप्रसाद’ कहा जाता है. महाप्रसाद को 7 मिट्टी के बर्तनों में पकाया जाता है. महाप्रसाद पकाने के लिए केवल लकड़ी और मिट्टी के बर्तनों का ही उपयोग किया जाता है. जगन्नाथ मंदिर से जुड़ा एक रहस्य यह भी है कि इस मंदिर कितनी भी धुप पड़ जाए परछाई कभी नहीं बनती है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Related Articles

ADVERTISEMENT

© Copyright 2023 Opoyi Private Limited. All rights reserved