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Pitru Paksha 2023: गया में पिंडदान करने के बाद करें ये काम, श्राद्ध का मिलेगा पूर्ण फल

पितृ पक्ष इस बार 16 दिनों का पड़ा है. (फोटो साभार: Twitter)

29 सितंबर के पितृ पक्ष की शुरुआत हुई थी. हर बार पितृ पक्ष 15 दिनों का मनाया जाता था. अतिशेष होने के कारण इस बार 16 दिन का है.

Written by:Gautam Kumar
Published: October 12, 2023 09:41:53 New Delhi

Pitru Paksha 2023: गयासुर को भगवान विष्णु द्वारा दिए गए वरदान के बाद से ही गया धाम में पितरों की मुक्ति के लिए पिंडदान करने की परंपरा चली आ रही है. ऐसा माना जाता है कि जो पुत्र अपने पितरों को तर्पण और पिंडदान करने के लिए गया श्राद्ध करते हैं, उनके पूर्वज संतुष्ट होते हैं. आइए हम उन्हें आशीर्वाद दें. सभी सनातन धर्मी लोग अपने पितरों को तृप्त करने के लिए गया श्राद्ध करना आवश्यक मानते हैं. यही कारण है कि गया में पूरे साल पिंडदान किया जाता है. खासकर पितृ पक्ष के दौरान यहां देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु जुटते हैं.

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गया श्राद्ध के बाद श्रद्धालु यहां आते हैं

विद्वानों का मानना है कि श्राद्ध पक्ष के दौरान पितरों का तर्पण और पूजा करने से पितृ ऋण समाप्त हो जाता है. मोक्ष की प्राप्ति होती है. गया में पितरों का श्राद्ध करने के बाद किसी भी प्रकार का श्राद्ध करने की आवश्यकता नहीं होती है, लेकिन कुछ विद्वान आचार्यों का मानना है कि गया श्राद्ध के बाद भी श्राद्ध किया जा सकता है. गया श्राद्ध के बाद घर लौटते समय श्रद्धालुओं को जिस भी मंदिर या तीर्थ स्थान पर जाना हो वहां जरूर जाना चाहिए.

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घर में सत्यनारायण पूजा करवाएं

घर पहुंचकर अपने सभी रिश्तेदारों को बुलाकर सत्यनारायण पूजा करनी चाहिए और अपने रिश्तेदारों को गया तीर्थ की कथा सुनानी चाहिए. यदि वह आपकी बातों से प्रेरित होकर गया तीर्थ पर जायेगा तो उसकी यात्रा का फल आपको भी मिलेगा. इसके अलावा पंडितों और जरूरतमंद लोगों को घर पर बुलाकर दान देना चाहिए, भोजन कराना चाहिए और जब भी पितरों की तिथि आए तो उनका पिंडदान करना चाहिए और जब तक जीवित रहें अपने पितरों को पिंडदान करते रहें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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