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2 years ago .New Delhi, Delhi, India

Navratri 2022 Kalash Sthapna Mantra: कलश स्थापना करते समय इन मन्त्र का करें जाप, मां दुर्गा होंगी प्रसन्न

  • नवरात्रि का पर्व 26 सितंबर से शुरू हो जाएगा. 
  • नवरात्रि में कलश स्थापना का अधिक महत्व होता है. 
  • कलश स्थापना करते इन मन्त्रों का करें उच्चारण. 

Written by:Kaushik
Published: September 25, 2022 05:21:57 New Delhi, Delhi, India

Navratri 2022 Kalash Sthapna kaise kre: शारदीय नवरात्रि का नौ दिवसीय पवित्र पर्व सोमवार (26 सितंबर 2022) को घटस्थापना के साथ ही शुरू हो जाएगा. नवरात्रि (Navratri 2022 Kalash Sthapna Mantra in  Hindi) के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन लोग माता की चौकी, अखंड ज्योति व देवी प्रतिमा भी स्थापित करते हैं. कलश स्थापना (Kalash Sthapna 2022) को घटस्थापना (Ghatasthapana 2022) भी कहा जाता है.

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कब है कलश स्थापना (Kalash Sthapna 2022 date)

नवरात्रि में कलश स्थापना का अधिक महत्व होता है. घट या कलश स्थापना का मुहूर्त – 26 सितंबर 2022 सोमवार सुबह 6 बजकर 20 मिनट से सुबह 10 बजकर 19 मिनट तक है.

नवरात्र कलश स्थापना मंत्र

नवरात्रि के पहले दिन आश्विन शुक्ल प्रतिपदा तिथि को लोग मंदिरों, पंडालों और अपने घरों में कलश की स्थापना करते हैं.

शास्त्रों में कलश स्थापना के समय मंत्रों का जाप किया जाता है. इन मंत्रों के उच्चारण के साथ स्थापित हुआ कलश शुभ परिणाम देता है. आइए जानते हैं घटस्थापना के इन मंत्रों को क्रमानुसार समझते हैं.

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नवरात्र शांति कलश स्थापना विधि मंत्र

जिस जगह पर बैठ रहे हैं उस स्थान को दाएं हाथ से स्पर्श करते हुए बोलें – ओम भूरसि भूमिरस्यदितिरसि विश्वधाया विश्वस्य भुवनस्य धर्त्रीं। पृथिवीं यच्छ पृथिवीं दृग्वंग ह पृथिवीं मा हि ग्वंग सीः।।

कलश के नीचे सप्तधान बिछाने का मंत्र

ओम धान्यमसि धिनुहि देवान् प्राणाय त्यो दानाय त्वा व्यानाय त्वा। दीर्घामनु प्रसितिमायुषे धां देवो वः सविता हिरण्यपाणिः प्रति गृभ्णात्वच्छिद्रेण पाणिना चक्षुषे त्वा महीनां पयोऽसि।।

कलश स्थापित करने का मंत्र

अब जहां कलश रखना हो वहां यह मंत्र बोलते हुए कलश को स्थापित करें – ओम आ जिघ्र कलशं मह्या त्वा विशन्त्विन्दव:। पुनरूर्जा नि वर्तस्व सा नः सहस्रं धुक्ष्वोरुधारा पयस्वती पुनर्मा विशतादयिः।।

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कलश में जल भरते समय इस मंत्र का करें जाप

ओम वरुणस्योत्तम्भनमसि वरुणस्य स्काभसर्जनी स्थो वरुणस्य ऋतसदन्यसि वरुणस्य ऋतसदनमसि वरुणस्य ऋतसदनमा सीद।।

कलश में चंदन डालें

ओम त्वां गन्धर्वा अखनस्त्वामिन्द्रस्त्वां बृहस्पतिः। त्वामोषधे सोमो राजा विद्वान् यक्ष्मादमुच्यत।। इस मंत्र से कलश में चंदन लगाएं.

कलश में सर्वौषधि डालने का मंत्र

ओम या ओषधी: पूर्वाजातादेवेभ्यस्त्रियुगंपुरा। मनै नु बभ्रूणामह ग्वंग शतं धामानि सप्त च।।

कलश पर पल्लव रखने का मंत्र

ओम अश्वस्थे वो निषदनं पर्णे वो वसतिष्कृता।। गोभाज इत्किलासथ यत्सनवथ पूरुषम्।।

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कलश में सप्तमृत्तिका रखने का मंत्र

ओम स्योना पृथिवि नो भवानृक्षरा निवेशनी। यच्छा नः शर्म सप्रथाः।

कलश में इस मंत्र के जाप के साथ सुपारी रखें

ओम याः फलिनीर्या अफला अपुष्पायाश्च पुष्पिणीः। बृहस्पतिप्रसूतास्ता नो मुञ्चन्त्व ग्वंग हसः।।

कलश में द्रव्य यानी सिक्का रखने का मंत्र

ओम हिरण्यगर्भः समवर्तताग्रे भूतस्य जातः पतिरेक आसीत्। स दाधार पृथिवीं द्यामुतेमां कस्मै देवाय हविषा विधेम।।

कलश पर इस मंत्र से वस्त्र लपेटें

ओम सुजातो ज्योतिषा सह शर्म वरूथमाऽसदत्स्वः । वासो अग्ने विश्वरूप ग्वंग सं व्ययस्व विभावसो।।

कलश पर चावल से भरा बर्तन रखने का मंत्र

ओम पूर्णा दर्वि परा पत सुपूर्णा पुनरा पत। वस्नेव विक्रीणावहा इषमूर्ज ग्वंग शतक्रतो।। इस मंत्र का जाप करते हुए कलश के ऊपर के एक मिट्टी के बर्तन में चावल भरकर रखें.

कलश पर नारियल रखने का मंत्र

ओम याः फलिनीर्या अफला अपुष्पा याश्च पुष्पिणीः। बृहस्पतिप्रसूतास्ता नो मुञ्चन्त्व हसः।। इस मंत्र का उच्चारण करें और साथ ही लाल वस्त्र में नारियल लपेटकर कलश के ऊपर स्थापित करें.

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अब इन मंत्रों से कलश की पूजा करें

कलश में वरुण देवता का आह्वान और ध्यान करें.

ओम तत्त्वा यामि ब्रह्मणा वन्दमानस्तदा शास्ते यजमानो हविर्भिः। अहेडमानो वरुणेह बोध्युरुश ग्वंग स मा न आयुः प्र मोषीः। अस्मिन् कलशे वरुणं साङ्गं सपरिवारं सायुधं सशक्तिकमावाहयामि। ओम भूर्भुवः स्वः भो वरुण, इहागच्छ, इह तिष्ठ, स्थापयामि, पूजयामि, मम पूजां गृहाण। ‘ओम अपां पतये वरुणाय नमः’

अब कलश की पंचोपचार समेत पूजा-अर्चना करें. कलश में दशदिक्पालों, पंचदेवता और वेदों को आकर विराजने की प्रार्थना करें और कलश में विराजित देवातओं से प्रार्थना करें कि वह आपकी पूजा को सफल बनाएं और घर में सुख शांति बनी रहे.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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