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2 years ago .New Delhi, Delhi, India

Indira Ekadashi 2022: श्राद्ध एकादशी के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं

हर महीने दो एकादशी आती है, एक कृष्ण पक्ष को तो दूसरी शुक्ल पक्ष को. हिंदू पंचाग के अनुसार आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी मनाई जाती है, इसे श्राद्ध एकादशी भी कहा जाता है.

Written by:Hema
Published: September 21, 2022 02:37:17 New Delhi, Delhi, India

Indira Ekadashi 2022; वैसे तो हिंदू धर्म में सभी व्रतों का महत्व माना गया है. लेकिन एकादशी व्रत को हिंदू धर्म में बहुत अधिक महत्व दिया जाता है. यह व्रत भगवान विष्णु के लिए रखा जाता है. प्रत्येक महीने दो एकादशी आती है, एक कृष्ण पक्ष को तो दूसरी शुक्ल पक्ष को. हिंदू पंचाग के अनुसार आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी मनाई जाती है, इसे श्राद्ध एकादशी (Ekadashi shradh 2022) भी कहा जाता है.

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यह एकादशी श्राद्ध पक्ष में आती है, तो मायान्ताओं के अनुसार इस एकादशी को पितरों को मोक्ष देने वाली एकादशी भी कहा गया है. शास्त्रों में पितृ पक्ष में पड़ने वाली इंदिरा एकादशी के दिन कुछ नियमों का पालन करने के बारे में बताया गया है. आइए जानते हैं कि इंदिरा एकादशी वाले दिन किन नियमों का पालन करके इस व्रत का फल प्राप्त किया जा सकता है.

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1. चावल खाने से करें परहेज

शास्त्रों में एकादशी वाले दिन चावल न खाने की हिदायत दी गई है.ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो व्यक्ति चावल का सेवन करता है तो वो अगले जन्म में रेंगने वाले कीड़ों की योनी में जाता है. इसलिए इस दिन जिनका व्रत है इन्हें तो चावल नहीं खाने चाहिए बल्कि जिनका व्रत नहीं है उन्हें भी चावल के सेवन से परहेज करना चाहिए.

2. ब्रह्मचर्य का पालन करें

एकादशी व्रत को बेहद लाभदायी और फलदायी व्रत माना जाता है.यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है. मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को बड़े ही विधिवत तरीके से रखना चाहिए. एकादशी के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए और सच्चे मन से भगवान विष्णु की पूजा कर उनका स्मरण करना चाहिए.

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3. वाद-विवाद से रहें दूर

वैसे तो हमें हमेशा वाद-विवाद से दूर रहना चाहिए, लेकिन मान्यताओं के अनुसार एकादशी व्रत वाले दिन पूरी कोशिश करनी चाहिए कि किसी भी प्रकार के वाद-विवाद के पचड़े में न पड़ें.इस दिन ज्यादा से ज्यादा भगवान श्री हरी को याद करें.

4.महिलाओं का अपमान न करें

बता दें कि वैसे तो हमें कभी भी स्त्रियों का अपमान नहीं करना चाहिएक्योंकि जिस घर में महिलाओं का अपमान होता है उस घर में कभी लक्ष्मी का वास नहीं होता. लेकिन एकादशी व्रत में भी माहिलाओं का अपमान न करने की बात कही गई है.जो व्यक्ति इस दिन महिलाओं का अपमान करते हैं उनको दुख और कष्ट की प्राप्ति होती है.

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5.मंदिरा-पान का सेवन न करें

एकादशी व्रत में मंदिरा-पान के सेवन को पूर्ण रूप से वर्जित बताया गया है एकादशी व्रत को सर्वश्रेष्ठ व्रत की श्रेणी में रखा गया है और कहा गया है कि एकादशी व्रत वाले दिन जो लोग मंदिरा-पान का सेवन करते हैं उन लोगों को जीवन में दुखों का सामना करना पड़ता है. बता दें कि मंदिरा-पान का सेवन वैसे भी नहीं करना चाहिए क्योंकि ये सेहत के लिए हानिकारक होती है.

नोटः ये लेख मान्यताओं के आधार पर बनाए गए हैं. ओपोई इस बारे में किसी भी बातों की पुष्टि नहीं करता है.

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