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6 months ago .New Delhi, India

Dev Uthani Ekadashi 2023 Date and Time: देव उठनी एकादशी कब है? जानें शुभ मुहूर्त और महत्व

देव उठनी एकादशी 2023 का शुभ मुहूर्त.(फोटो साभार: Pixabay)

हिंदू धर्म में देवउठनी एकादशी का विशेष महत्व होता है. देवउठनी एकादशी से मांगलिक कार्यक्रम शुरू हो जाते हैं. देव उठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु नींद से जागते हैं.

Written by:Sneha
Published: November 20, 2023 02:00:00 New Delhi, India

Dev Uthani Ekadashi 2023 Date and Time: कार्तक माह में हर दिन व्रत-त्योहार का होता है जिसमें कई बड़े त्योहार पड़ते हैं. कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन देवउठनी एकादशी मनाई जाती है. ऐसी मान्यता है कि इसी दिन भगवान विष्णु 5 महीने की नींद से जागते हैं. इस दिन से शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं और विवाह की तिथि भी 15 दिसंबर तक रहती है. देवउटनी एकादशी के दिन तुलसी जी और शालीग्राम का विवाह होता है जिसके साथ मांगलिक कार्यक्रम शुरू कर दिये जाते हैं. भगवान विष्णु को समर्पित ये दिन व्रत और किसी शुभ कार्य के लिए अच्छा माना जाता है. चलिए आपको बताते हैं ये इस साल किस तारीख को है और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?

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देव उठनी एकादशी कब है? (Dev Uthani Ekadashi 2023 Date and Time)

हिंदू धर्म में देवउठनी एकादशी का विशेष महत्व होता है. देवउठनी एकादशी से मांगलिक कार्यक्रम शुरू हो जाते हैं. देव उठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु नींद से जागते हैं. कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन भगवान विष्णु अपनी चार महीने की निद्रा से उठे थे. उस दिन को देव उठनी या देव उठावनी एकादशी कहते हैं. इस साल देव उठनी एकादशी 23 नवंबर 2023 को मनाई जा रही है. 22 नवंबर की सुबह 11.03 बजे एकदाशी प्रारंभ होगी जो 23 नवंबर की रात 9.01 बजे तक रहेगी.

देवउठनी एकादशी 2022 का महत्व

हिंदू धर्म में देवउठनी एकादशी का विशेष महत्व माना जाता है. शास्त्रों के अनुसार, आषाढ़ मास में पड़ने वाली देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु अगले चार मास के लिए योग निद्रा में चले जाते हैं, जिसे चातुर्मास के नाम से भी जाना जाता है. इसके साथ ही कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी के दिन भगवान विष्णु जाग जाते हैं. ऐसे में देवउठनी एकादशी का काफी महत्व अधिक हो जाता है. इसके साथ ही देवउठनी एकादशी के साथ ही मांगलिक कार्यक्रमों की शुरूआत हो जाती है. इसके साथ ही द्वादशी तिथि को तुलसी विवाह कराना शुभ माना जाता है. इस दिन तुलसी के पौधे के साथ शालिग्राम का विवाह कराने की भी परंपरा है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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