Akshaya Tritiya 2023: क्या आप भी किसी शुभ कार्य को करने के लिए शुभ मुहूर्त का इंतजार कर रहे हैं तो बस अब आपका इंतजार खत्म होने वाला है. आप अपने काम की तैयारी अभी से ही शुरू कर सकते हैं क्योंकि यह शुभ मुहूर्त 23 अप्रैल रविवार को पड़ रहा है. इस दिन आप कोई भी शुभ कार्य बिना किसी से शुभ मुहूर्त पूछे कर सकते हैं, क्योंकि इस दिन स्वघोषित शुभ मुहूर्त रहेगा. इस तिथि को अक्षय तृतीया कहा जाता है, जो बैसाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को पड़ती है.

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मुहूर्त ग्रंथ के अनुसार कहा गया है कि इस दिन सभी मुहूर्त स्वयंसिद्ध होते हैं. इस दिन कोई भी शुभ कार्य करने के लिए योग, ग्रह, नक्षत्र आदि के बारे में जानने की जरूरत नहीं है. इसी दिन भगवान परशुराम की जयंती भी मनाई जाती है. बैसाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को भगवान परशुराम प्रकट हुए थे. इसे अक्षय तृतीया भी कहा जाता है, क्योंकि यह तृतीया तिथि है, इस दिन अक्षय है यानी जिसका कभी क्षय नहीं होता, यानी जिसका कभी क्षय नहीं होता और हमेशा के लिए स्थायी रहता है.

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इस दिन कृतिका नक्षत्र होता है अर्थात कृतिका नक्षत्र में तृतीया हो तो मिलने वाला फल कई गुना बढ़ जाता है. शास्त्रों की मान्यता के अनुसार इस दिन किया गया दान, हवन और जाब अक्षय होता है. इस दिन का महत्व और भी अधिक हो जाता है क्योंकि इस दिन को सतयुग और त्रेता युग का प्रारंभ भी माना जाता है. इस दिन से दो युगों की शुरुआत होने के कारण इसे उगादि तिथि भी कहा जाता है.

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अक्षय तृतीया पूजा विधि

अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. इस दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा और हवन करने से विशेष लाभ मिलता है. इससे आपके जीवन में आ रही परेशानियां दूर होती हैं. इस दिन पवित्र स्नान कर विशेष दान पर तर्पण करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. इस दिन आप जौ का दान भी कर सकते हैं. इसके साथ ही जल से भरा घड़ा दान करना भी श्रेष्ठ होता है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)