Valentine’s Day क्यों मनाया जाता है?
वैलेंटाइन डे मनाने को लेकर कोई सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन बताया जाता है कि 270 ईसवी में रोमन साम्राज्य के दौरान क्लाउडियस गोथिकस द्वितीय नामक राजा हुआ करता था. उसे प्रेम और शादी से सख्त नफरत थी. वह इसके सख्त खिलाफ था. उसका मानना था कि प्रेम व्यक्ति को कमजोर बनाता है और इसके चलते योद्धा अपना लक्ष्य भूल जाता है.
इसी सोच के चलते राजा क्लाउडियस गोथिकस द्वितीय ने रोमन सैनिकों के प्रेम और विवाह पर रोक लगा दी थी और उसने आदेश दिया कि कोई अधिकारी या फिर सैनिक प्रेम या शादी नहीं करेगा. राजा चाहता था कि सैनिक बिना शादी के ज्यादा ताकतवर होते हैं. आपको बता दें कि उसी राज्य में संत वैलेंटाइन भी रहते थे. उन्होंने इस आदेश का विरोध किया और राजा के खिलाफ जाकर सैनिकों और प्रजा को प्रेम करने के लिए प्रेरित किया और उनकी शादियां भी करवाईं.
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राजा को जब संत वैलेंटाइन के कारनामों की जानकारी हुई, तो उन्होंने संत को राज दरबार में बुलाया, राजा ने संत को क्रिश्चियन धर्म छोड़कर रोमन धर्म अपनाने के लिए कहा. संत वैलेंटाइन ने इस बात से इनकार कर दिया और राजा को अपना धर्म बदलने की सलाह दे डाली. राजा को यह बात अच्छी नहीं लगी और उसने संत वैलेंटाइन को मार डालने का आदेश दे दिया.
कहते हैं कि संत वैलेंटाइन को जिस दिन मारा गया था, उस दिन 14 फरवरी थी. ऐसा बताया जाता है कि मारे जाने से पहले रोमन जेलर की अंधी बेटी जैकोबस को संत वैलेंटाइन ने ठीक कर दिया था. जेल में ही संत ने जेलर की बेटी को एक लेटर भी लिखा था. इस लेटर के अंत में संत ने फ्रॉम योर वैलेंटाइन लिखा था.
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जानकारी के मुताबिक, साल 496 में पहली बार वैलेंटाइन डे मनाया गया था. कुछ लोगों का मानना है कि वैलेंटाइन डे की शुरुआत रोमन फेस्टिवल से हुई थी. 5वी सदी के अंत में पोप गेलैसियस ने 14 फरवरी को सेंट वैलेंटाइन डे घोषित किया. तब से लेकर आज तक 14 फरवरी को प्रेम का दिन वैलेंटाइन डे मनाया जाने लगा.