भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में 26 नवंबर, 2008 को हुए आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए इजराइल में कई आयोजन किये जा रहे हैं. इजराइल के लोग “पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद” की निंदा कर रहे हैं और हमले को अंजाम देने वालों पर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.

इजराइली नागरिक और भारतीय छात्रों ने मुंबई हमले में मारे गए लोगों को यरुशलम, रेहोवोत और तेल अवीव में बुधवार को श्रद्धांजलि दी. बीरशेवा और ऐलात में बृहस्पतिवार को श्रद्धांजलि देने के कार्यक्रमों की योजना बनाई गई है.

इजराइली समयानुसार बृहस्पतिवार रात आठ बजे डिजिटल माध्यम से जूम पर भी एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सैकड़ों लोगों ने पंजीकरण कराया है.

इजराइल के दक्षिण में स्थित तटीय शहर ऐलात के आइजेक सोलोमन ने पीटीआई-भाषा से कहा, “इजराइल ऐसे हर देश का विरोध करता है जो आतंकवादियों को वित्तीय और अन्य प्रकार की सहायता मुहैया कराता है. आतंकवाद के समर्थक देशों का कूटनीतिक और वित्तीय रूप से बहिष्कार करने के लिए शांति के समर्थक देशों को एक साथ आना चाहिए. इससे आतंकी वारदातों को रोकने में सहायता मिलेगी.”

उन्होंने कहा, “भारत जैसे शांति के समर्थक देश से मैत्रीपूर्ण संबंध होना इजराइल के लोगों के लिए गर्व की बात है. हम प्रार्थना करते हैं कि हमारी दोस्ती और मजबूत हो.”

पाकिस्तान स्थित लश्कर ए तय्यबा आतंकी संगठन के दस आतंकवादियों ने 26 नवंबर 2008 को मुंबई पर सुनियोजित तरीके से 12 हमले किये थे. गोलीबारी और बम से किये गए इन हमलों में कम से कम 166 लोग मारे गए थे जिनमें छह यहूदी शामिल थे.

चार दिन तक चले इस हमले में तीन सौ से अधिक लोग घायल हुए थे. ऐलात के लोगों ने मुंबई हमले में मारे गए लोगों की याद में एक स्मारक बनाने का आग्रह किया है.

ऐलात में ‘प्रवासी यहूदियों के लिए सितार संगठन’ नामक संस्था के प्रतिनिधियों ने पीटीआई-भाषा से कहा, “हमने स्मारक के लिए ऐलात के मेयर मायर इट्जहाक हा लेवि से बात की है. मेयर ने कहा कि वह एक समिति के सदस्य हैं जो सड़क इत्यादि के काम पर निर्णय लेती है. उन्होंने कहा कि उन्हें हमारी मदद कर के खुशी होगी.”

उन्होंने कहा, “इसके अलावा उन्होंने एक भारत-इजराइल मित्रता चौक या महात्मा गांधी चौक बनाने का भी सुझाव दिया है जहां मुंबई हमलों में मारे गए लोगों के लिए स्मारक के रूप में एक पत्थर स्थापित किया जा सकता है.”

तेलंगाना इजराइल संघ ने मुंबई हमलों में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए एक अंतरधार्मिक प्रार्थना सभा का आयोजन किया जिसमें एक यहूदी रैबायी, एक हिंदू पुजारी, एक ईसाई पादरी और एक सिख ग्रंथी ने मृतकों की आत्माओं की शांति के लिए प्रार्थना की.

संघ के अध्यक्ष रवि सोमा ने पीटीआई-भाषा से कहा, “हम शांति में विश्वास रखते हैं लेकिन आतंकवाद के सामने झुकने वाले नहीं हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति स्वागतयोग्य बदलाव हैं.”

इजराइल में काम करने वाले तेलंगाना के लगभग 20 लोग रामत गान में एकत्र हुए और उन्होंने पोस्टर प्रदर्शित कर और मोमबत्ती जलाकर आतंकी हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी.

वाइजमैन इंस्टीट्यूट और बेन गुरियन विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी मृतकों को श्रद्धांजलि दी. लोगों ने भारत और इजराइल के झंडों के साथ मुंबई हमले में मारे गए नागरिकों को श्रद्धांजलि दी.

भारतीय दूतावास की अधिकारी अनीता नंदिनी ने कहा, “पाकिस्तान के आतंकवादियों ने इन भयानक हमलों को अंजाम दिया. उन्होंने ऐसी जगह पर हमला किया जहां हमारे देशों के लोग एक साथ होते हैं. आतंकवादियों ने सोचा था कि ऐसी जगह पर हमला कर वह हमारे बीच दूरी पैदा करने में सफल होंगे.” उन्होंने कहा, “लेकिन वह अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हुए और इजराइल तथा भारत की सरकारें और लोग पहले से अधिक करीब हो गए.”

ऐवनर आइजेक की अध्यक्षता वाला ‘भारतीय धरोहर यहूदी केंद्र’ बृहस्पतिवार को रात आठ बजे जूम पर सम्मेलन आयोजित करेगा. इसमें इजराइल में भारत के राजदूत संजीव सिंगला और भारत में इजराइल के राजदूत डॉ रॉन मालका भाग लेंगे.