Home > कुछ ऐसे आविष्कार जो अगर भारत नहीं करता तो दुनिया के कई काम अटक जाते
opoyicentral
Opoyi Central

3 years ago .New Delhi, Delhi, India

कुछ ऐसे आविष्कार जो अगर भारत नहीं करता तो दुनिया के कई काम अटक जाते

  • नए आविष्कारों के मामले में भारत किसी देश से कम नहीं. 
  • शून्य का आविष्कार करके भारत ने दुनिया को गिनती सिखाई थी.
  • सबसे पहले शैम्पू का आविष्कार भी भारत में ही हुआ था. 

Written by:Madhav
Published: July 02, 2021 04:52:39 New Delhi, Delhi, India

आज कल हमें अकसर देखने को मिलता है कि दुनिया की कई नामी कंपनियों के सर्वोच्च पदों पर कई भारतीय विराजमान हैं. इसका सबसे अच्छा
उदाहरण हैं सुंदर पिचाई हैं, जो गूगल के CEO हैं. लेकिन ऐसा नहीं है कि भारत ने दुनिया को बस आईटी दिग्गज ही दिए हैं. भारत ने कुछ ऐसे आविष्कार भी किए हैं जो अगर भारत ने नहीं किए होते तो
दुनिया के बहुत से काम आज पूरे नहीं हो पाते. यह वो आविष्कार हैं जिनके लिए
दुनियाभर में भारत पहचाना जाता है. आइए कुछ ऐसे ही आविष्कारों पर नजर डालते हैं.

1. जब शून्य दिया भारत
ने तब दुनिया को गिनती आई

भारत में 7वीं शताब्दी में एक
खगोल शास्त्री ब्रह्मगुप्त ने शून्य का आविष्कार किया था. इसे गणित के विषय में
काफी महत्वपूर्ण माना जाता है इससे दुनिया को यह समझ में आया कि कुछ ना होने का भी
एक महत्व होता है.  कैलकुलेटर और कंप्यूटर के आविष्कार
में जीरो ने अहम भूमिका निभाई है.

2. योग

भारत का यह आविष्कार पिछले कुछ सालों में पूरी
दुनिया में काफी फेमस हो गया है. भारतीय इतिहास में वैदिक काल से पहले से योग अस्तित्व
में था. साथ ही हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म से जुड़े लोग इससे काफी पहले से ही जुड़े हुए हैं. भारत के कुछ महान व्यक्तियों में से
एक स्वामी विवेकानन्द को योग को दुनिया की पश्चिमी संस्कृति तक पहुंचाने का श्रेय
दिया जाता है. हर साल 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है.

3. भारत ने दुनिया को
बाल धोना सिखाया

आप सभी लोगों को यह जानकर हैरानी हो सकती है, लेकिन यह सच है कि
दुनिया में सबसे पहले शैम्पू का आविष्कार यहां भारत में ही हुआ था. 15वीं शताब्दी
में प्राकृतिक तेल, आमला और अन्य जड़ी बूटियों से शैम्पू का आविष्कार किया गया था.
बाद में ब्रिटीश लोग इसे यूरोप लेकर गए थे.

4. 5000 साल पहले ही
भारत में हुआ था बटन का आविष्कार

भारत में मौजूद 5000 साल पुरानी सिंधु घाटी
सभ्यता में बटन के प्रयोग के कई सबूत मिले हैं तब लोग बटन का इस्तेमाल साज-सजावट
के लिए करते थे. फिर बाद में 13वीं शताब्दी में जर्मनी के लोगों ने इसका इस्तेमाल
करना शुरु कर दिया.

5. फाइबर
ऑपटिक्स

आज दुनियाभर मे फाइबर ऑपटिक्स की मदद से इंटरनेट
का प्रयोग किया जा रहा है. फाइबर ऑपटिक्स कांच या किसी पारदर्शी ठोस वस्तु के
लचीले टुकड़े होते हैं. जो बालों जितने पतले होते हैं. पंजाब के नरिंदर कपानी ने फाइबर ऑपटिक्स का आविष्कार किया था. साल 1955-1965 के बीच फिजिसिस्ट कपानी ने इससे जुड़े कई पेपर तैयार किए थे.
साल 1960 में साइंटिफिक अमेरिकन में छपे उनके एक पेपर से फाइबर ऑपटिक्स नाम रखने
में मदद मिली और जिसके बाद कपानी को फाइबर ऑप्टिकल्स के लिए इसका श्रेय
दिया जाता है.

ये भी पढ़ें: BATTLEGROUNDS MOBILE INDIA ऑफिशियली रिलीज हुआ, यहां जानें डाउनलोड करने का तरीका

यह भी पढ़ेंः रस्सी कूदने से हार्ट स्ट्रोक का खतरा होता है कम, कई बीमारियों से मिलेगा छुटकारा

यह भी पढ़ेंः शरीर में विटामिन और मिनरल की कमी को बतातें हैं ये 4 लक्षण

Related Articles

ADVERTISEMENT

© Copyright 2023 Opoyi Private Limited. All rights reserved