Home > सोने से भी महंगी बिकती है ये मछली, रखरखाव भी नहीं है सस्ता, जानिए इसकी खासियत
opoyicentral
आज की ताजा खबर

2 years ago .New Delhi, Delhi, India

सोने से भी महंगी बिकती है ये मछली, रखरखाव भी नहीं है सस्ता, जानिए इसकी खासियत

हर देश में खानपान की संस्कृति अलग-अलग होती है. जापान में एक खास तरह की मछली का सेवन किया जाता है जिसका दाम सोने से भी महंगा है. जानिए उसके बारे में.

Written by:Vishal
Published: March 16, 2022 05:14:43 New Delhi, Delhi, India

हर देश में खानपान की संस्कृति अलग-अलग होती है. भारत विविधताओं का देश है और यहां हर राज्यों में अपना एक अलग खानपान होता है. अपने इस लेख में हम आपको एक ऐसे फूड (Food) के बारे में बताएंगे जिसकी कीमत सुनकर आपके होश उड़ जाएंगे. जापान (Japan) की एक बेहद खास मछली है जिसकी कीमत सुनकर व्यक्ति खरीदने से पहले सौ बार सोचता है.

यह भी पढ़ेंः भारत के इन मंदिरों में महिलाओं का जाना है सख्त मना, वजह झकझोर देगी आपकी आत्मा

जापानी लोगों को सी-फूड (Sea Food) का सेवन करना बहुत ज्यादा पसंद होता है. जापान के सीफूड मार्केट में वैसे तो अलग-अलग तरह की मछलियों के साथ उनके हाई-फाई दाम देखने को मिलेंगे परंतु इन्हीं में शामिल एक जापान की प्रसिद्ध उनागी मछली है. जापान में ताजे पानी में पाए जानी वाली उनागी प्रजाति की ईल मछली (Eel Fish) सोने के समान महंगी है. बता दें कि बिजनेस इंसाइडर के अनुसार साल 2018 में इस मछली की कीमत 35 हजार डॉलर प्रति किलो थी जोकि उस दौरान सोने के कीमत से भी महंगी थी.

जापानी लोगों को ये मछली बहुत ज्यादा पसंद होती है. सालों से ये लोग इसे खाते आ रहे हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि सिर्फ जापान के होटल और रेस्तरां में लगभग 50 टन ईल मछली हर साल बेची जाती है. इस मछली के बच्चों को पकड़कर ताजे पानी में बड़े होने तक पाला जाता है. एक साल के बाद ये मछली बेचने लायक हो जाती हैं.

ये मछलियां ज्यादातर पूर्व एशिया में पाई जाती हैं. इस मछली को पकड़ने के बाद एक प्रोसेस से गुजरना पड़ता है. चलिए जानते हैं कि आखिर इस मछली में ऐसी क्या बात है जो इसे बेहद खास बनाती है और इसके अलावा ये भी जानेंगे कि ये इतनी ज्यादा महंगी क्यों है.

यह भी पढ़ेंः घर में कभी नहीं लगाने चाहिए ये पौधे, पैसों की बर्बादी के साथ मिलेगा दुर्भाग्य

जानिए इतनी महंगी क्यों हैं ये मछलियां

जापान में पाई जाने वाली ये मछलियां कितनी महंगी इसलिए है क्योंकि साल 1980 के बाद इनकी आबादी में 75 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. दरअसल, ईल मछली जापान की लोकप्रिय मछली है, लेकिन धीरे-धीरे इसकी संख्या में भारी कमी होने लगी है. इसके पीछे की जो वजह सामने आई है वो है इन मछलियों का अत्यधिक शिकार.

ईल और दूसरी मछलियों में इतना अंतर होता है कि दूसरी मछलियों को तब पकड़ा जाता है जब वो बड़ी हो चुकी होती है परंतु उनागी मछलियों को तब जब वो काफी छोटी होती है. दूसरा सबसे बड़ा कारण है इसके पालन पोषण में आने वाला भारी-भरकम खर्च.

बाजार में आमतौर पर बिकने वाली मछलियां सीधे पकड़कर बाजार में बेच दी जाती है परंतु ईल मछलियों के बच्चों को पकड़कर उन्हें पालना पड़ता है. इन्हें चारा, सोयाबीन, मछलियों का तेल खिलाया जाता है और इसमें अच्छा खासा खर्च आता है.

यह भी पढ़ेंः Ambani Family: एक साल का पृथ्वी अंबानी है देश का सबसे अमीर बच्चा, देखें उसका लाइफस्‍टाइल

एक साल तक करना पड़ता है इनका पालन-पोषण

उनागी मछलियों के बच्चों को पकड़कर एक साल तक पालना पड़ता है, क्योंकि इन मछलियों को बड़ा होने में 6 से 12 महीने का समय लगता है. इन मछलियों को दिन में तीन बार खाना दिया जाता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि उनागी मछलियों को पालने के दौरान बहुत सावधानी भी रखनी पड़ती है. अगर एक भी मछली को कुछ भी नुकसान पहुंचता है तो सारी मछलियां अपने आप खराब हो जाती है.

ईल मछली को काटने और बनाने की विधि बहुत मुश्किल

जापान के रेस्टोरेंट्स में उनागी मछलियों की काफी डिमांड रहती है परंतु इनको बनाना कोई आसान बात नहीं है. कोई भी शेफ इस मछली को नहीं बना सकता. इसे बनाने की विधि को सीखने में कई साल लग जाते हैं.  इसके अलावा ईल मछली को काटना भी बहुत मुश्किल होता है. जापान में इसे काटने के लिए प्रशिक्षण लेना पड़ता है. इसे सीखने के लिए लोगों को जिंदगी गुजार देनी पड़ती है. वहीं, इस मछली को भूनना भी बहुत मुश्किल होता है. ईल से बनी ग्रिलिंग भी जापान में बहुत महंगी बिकती है. इसकी कीमत 91 डॉलर बताई जाती है.

यह भी पढ़ेंः Rajpal Yadav की कुल संपत्ति आपको हैरान कर सकती है, जानें नेट वर्थ क्या है?

Related Articles

ADVERTISEMENT

© Copyright 2023 Opoyi Private Limited. All rights reserved