हिंदू धर्म की मान्यता है कि नारी की पूजा होने से ही देवताओं का वास होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ मंदिर ऐसे हैं जहां महिलाओं का जाना मना है. भगवान के घर यानी मंदिरों में पूजा करने का अधिकार नहीं हैं. चलिए जानते हैं ऐसे ही मंदिरों के बारे में.

भवानी दीक्षा मंडपम

भवानी दीक्षा मंडपम मंदिर आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा शहर में है. देवी दुर्गा के इस मंदिर में महिलाओं को गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति नहीं है. सरकार ने प्रधान पुजारी की मृत्यु के बाद उनकी बीवी को पुजारी के रूप में नियुक्त किया था.

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भगवान कार्तिकेय मंदिर

राजस्थान में स्थित भगवान कार्तिकेय मंदिर में भी महिलाएं प्रवेश नहीं कर सकती हैं. इस मिथक के साथ मंदिर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है कि देवता मंदिर में प्रवेश करने वाली महिला को श्राप दे देंगे.

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भगवान अन्नप्पा मंदिर

कर्नाटक के मैंगलोर के पास स्थित भगवान अन्नप्पा मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी है. मंदिर का प्रबंधन करने वाले संगठन की वेबसाइट कहती है कि मंदिर की कथा और विद्या के कारण इस पहाड़ी तक बच्चों और महिलाओं का प्रवेश प्रतिबंधित है.

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रणकपुर जैन मंदिर

राजस्थान में स्थित रणकपुर जैन मंदिर में मासिक धर्म होने पर महिलाएं नहीं आ सकती हैं. मंदिर में महिलाओं को पश्चिमी कपड़े और एक्सेसरीज़ पहनने की भी अनुमति नहीं है. यहां महिलाओं को अपने पैरों को ढ़ककर आना पड़ता है.

श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर

केरल के श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर में महिलाएं देवताओं की पूजा कर सकती हैं लेकिन उन्हें मंदिर के कक्ष में जाने की अनुमति नहीं है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की एक महिला अधिकारी, जिन्होंने 2012 में अंदर के खजाने की सूची बनाने के लिए दुनिया के सबसे अमीर हिंदू मंदिर के प्रतिबंधित क्षेत्र में प्रवेश करने का प्रयास किया, तो उन्हें अंदर जाने से रोक दिया गया था.

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