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खेल-खेल में बनाएं बच्चों को अनुशासित, जानें अनुशासन सिखाने के 5 बेहतरीन तरीके

आज कल की बिजी लाइफ में पेरेंटिंग बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. बच्चों को मारपीट के अनुशासन सिखाना लगभग नामुमकिन है. इससे बच्चे जिद्दी हो जाते हैं. बच्चों को खेल–खेल में सीखा सकते है अच्छी आदतें.

Written by:Akancha
Published: December 17, 2021 08:47:45 New Delhi, Delhi, India

आज के दौर में बच्चों के जन्म के बाद ही माता-पिता की जिम्मेदारी दोगुनी हो जाती है. पैरेंटिंग हर मां बाप के लिए नई चुनौती के समान होती है. पहले के लोग संयुक्त परिवार में रहते थे तो बच्चों का लालन-पालन भी कई लोग मिलकर करते थे. अनुशासन सिखाने का काम परिवार के सभी लोग मिलकर करते थे. लेकिन जैसे-जैसे हमारी जरूरत बदलती गई ज्यादातर लोग संयुक्त से एकल परिवार में रहने लगे और बड़े शहरों में पलायन करने लगे. ऐसे माहौल में एक माता-पिता पर अपने बच्चों को सही संस्कार और अनुशासन सिखाने की जिम्मेदारी बढ़ गई. इसके लिए अपने बच्चों को बचपन से ही एक सही परिवेश और सोच में ढालना बेहद जरूरी हो गया है. उन्हें बड़ों का आदर, छोटो का सम्मान और आभार व्यक्त करना सिखाना चाहिए. बच्चों को अनुशासन सिखाने के लिए कुछ टिप्स बताए जा रहे हैं. जिनका पालन करके आप अपने बच्चों को अनुशासित कर सकते हैं.

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बच्चों को इन तरीकों से सिखाएं अनुशासन-

1. खुद को बनाए रोल मॉडल:

अपने बच्चों को सिखाने का सबसे बेहतरीन तरीका है मां-बाप का उनके लिए रोल मॉडल बनना. बच्चे 80 फीसदी चीजें अपने मां-बाप को देखकर सीखते हैं. परिवार हर बच्चे की पहली पाठशाला माना जाता है और पहली शिक्षिका उसकी मां होती है. ऐसा व्यवहार करें जो आप अपने बच्चों में देखना चाहते हैं.

2. खेल-खेल में सिखाएं अच्छी आदत:

आप अपने बच्चों में जो भी अच्छी आदतें डालना चाहते हैं उन्हें आप उन्हें खेल-खेल में सिखा सकते हैं. बच्चों को आदतों के बारे में आप अपनी बातों के माध्यम से कुछ समझाने की कोशिश करते हैं, तो शायद ही उन्हें समझ आए. लेकिन अगर आप उन्हें खेल-खेल में यह चीजें सिखाते हैं, तो उनके जीवन का हिस्सा आसानी से बन जाती है. जैसे गंदी प्लेट को खुद साफ करना, अपने खिलौनों को खेल कर उनके स्थान पर रखना, घर के काम में हाथ बटाना, खाना खाने के पहले हाथ धोना, यह सब आप खेल-खेल में अपने बच्चे को सिखा सकते हैं.

3. घर के लिए कुछ नियम बनाएं:

हर घर में कुछ नियम होते हैं. इसकी मदद से बच्चों में एक जागरूकता आती है कि हमें किस समय खेलने जाना है और किस समय खेलकर घर वापस आना है, खाना कब खाना है और किसके साथ खाना है, यह सब आदतें आप घर के नियम बनाकर अपने बच्चों के अंदर डाल सकते हैं.

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4. उनकी बातों को ध्यान से सुनें:

एक माता पिता के रूप में हम सब अपने बच्चों को परफेक्ट देखना चाहते हैं. हम उन्हें बहुत कुछ सिखाना चाहते हैं. लेकिन हम उन्हें समझने की कोशिश नहीं करते हैं. उन्हें सुनने की क्षमता नहीं रखते हैं. आज की बिजी लाइफ में यह बहुत आम बात है कि मां बाप अपने बच्चों के साथ बातचीत करें और उन्हें ध्यान से सुने. आप उन्हें बोलने दें. ताकि आपका बच्चा आपकी सीखों और नियमों के बारे में क्या सोचता है? उसके मन में किस चीज को लेकर क्या विचार चल रहे हैं. ये आप अच्छी तरीके से जान सकें.

5. अच्छा करने पर शाबाशी दें.

बच्चों में अच्छी आदतें डालने के साथ-साथ उनके अच्छे काम करने पर उन्हें शाबाशी देना उनके हौसले को बढ़ाने जैसा है. उन्हें कुछ नया करने पर जब शाबाशी मिलती है, तो उन्हें साहस मिलता है. और वह और भी अच्छा काम करने के लिए प्रेरित होते हैं. माता-पिता उनके दोस्त बनकर उन्हें समझने की कोशिश करें और उनकी सराहना करें.

बच्चों के बिगड़ने के संकेत:

1. कभी-कभी बच्चों को बहुत कुछ सिखाते हैं लेकिन बच्चे आपकी बातों पर ध्यान नहीं देते. अगर वह अपने ही मन की कर रहे हैं. यह इशारा है कि आपका बच्चा आपकी बातों पर ध्यान नहीं दे रहा है.

2. अगर आपका बच्चा घर के कामों में मदद नहीं कर रहा और छोटी बात पर बहाने बनाता है, तो यह इशारा है कि उसके अंदर बुरी आदतें पनप रही हैं.

3. इसके अलावा अगर आपका बच्चा उदास रहता है और खेलने कूदने में भी उसका मन नहीं लगता है तो आप डॉक्टर से जरूर सलाह लें क्योंकि वह किसी और वजह से परेशान हो सकता है.

4. अगर आपका बच्चा बहुत ज्यादा शरारती है और आपको सिखाने के लिए बहुत मेहनत करनी होती है. तो आप उन्हें प्यार से और रोचक तरीके से समझाने की कोशिश करें.

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5. यदि आपका बच्चा बहुत चुपचाप रहता है. कम बातें करता है तो इसे अनुशासनहीनता ना समझे. हो सकता है वह किसी और बात को लेकर परेशान हैं. दोस्त बनकर उससे बात करें उसकी बातों को समझें.

6. छुट्टियों के दिनों में कहीं बाहर घूमने जाए, नई क्रिएटिव चीजें करें, पेंटिंग करें इससे आपके बच्चे के अंदर क्रिएटिविटी आती है और उसका शारीरिक एवं मानसिक विकास होता है.

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