Home > देश के इस राज्य में अनोखे तरीके से लड़के-लड़की चुनते हैं जीवनसाथी
opoyicentral
आज की ताजा खबर

2 years ago .New Delhi, Delhi, India

देश के इस राज्य में अनोखे तरीके से लड़के-लड़की चुनते हैं जीवनसाथी

देश के इस राज्य में वर्ष में एक बार ऐसी सभा लगती है, जहां अधिक संख्या में वर-वधू का चुनाव होता है. 700 वर्ष से चलने वाली इस परंपरा का आज के समय में भी निर्वहन किया जा रहा है.

Written by:Kaushik
Published: July 04, 2022 02:42:12 New Delhi, Delhi, India

700 Yar Old Marriage Tradition: ऐसा कहा जाता है कि जोड़ियां उपर से तय होकर आती हैं. लेकिन बिहार (Bihar) के मधुबनी के सौराठ गांव में वर्ष में एक बार सभा लगती है, जहां अधिक संख्या में वर-वधू का चुनाव होता है. इस सभा का नाम सौराठ सभा है. आयोजित इस सभा में लोग अपने शादी के लिए बच्चों को लेकर पहुंचते हैं और अपनी पसंद से बातचीत कर शादियां तय करते हैं. मिथिला में 700 वर्ष से चलने वाली इस परंपरा का आज के समय में निर्वहन किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें: देश के इस मंदिर में रहते हैं हजारों बंदर, जानें इसके पीछे की रहस्यमयी वजह

सात से 11 दिनों तक लगता है ये मेला

ज़ी न्यूज़ के अनुसार, इस सभा में भावी वर-वधू के रिश्तेदार और माता-पिता आते हैं और फिर पंजीकार से वंशावली की जांच कर शादियां न सिर्फ तय होती हैं बल्कि कई शादियां भी कर दी जाती हैं. मिथिलांचल इलाके में मैथिल ब्राह्मण दूल्हों का यह मेला प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ या फिर अषाढ़ के महीने में सात से 11 दिनों तक लगता है. इस दौरान कन्याओं के पिता योग्य वर को चुनते हैं. आज के समय में इस सभा का महत्व कम हो गया है. लेकिन आज भी यह परंपरा जारी है.

यह भी पढ़ें: सांपों से खुद को कटवाता है ये शख्स, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान

सौराठ सभा समिति के सचिव डॉ शेखर चंद्र मिश्र ने बताया कि इस सभा के लिए सुपारी, धोती और पंजीकार पान लेकर आसपास के गांवों में लोगों को निमंत्रण देने के लिए पहुंचते थे.

यह भी पढ़ें: ये हैं दुनिया के 5 ऐसे देश जहां कभी रात ही नहीं होती! जानें क्या है वजह

बाद में ये परंपरा खत्म हो गई. लेकिन इस वर्ष दुबारा से इसकी शुरूआत की गई है. इस साल यह सभा 30 जून से शुरू हुई है, जो आठ जुलाई तक चलेगी. उन्होंने कहा कि यह करीब 700 वर्षों से बिना रूके यह सभा चल रही है. इस साल भी 250 से 300 शादियां तय होने की उम्मीद है.

 इस सभा का मुख्य उद्देश्य समगोत्री विवाह को रोकना और संबंधों में शुचिता बनाए रखना है. उन्होंने कहा कि दहेज उन्मूलन के लिए भी यह सभा एक आदर्श है. 

 (Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

Related Articles

ADVERTISEMENT

© Copyright 2023 Opoyi Private Limited. All rights reserved