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1 year ago .New Delhi, India

World Press Freedom Day 2023: विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाया जाता है? जानें इसका इतिहास और महत्व

विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं. (फोटो साभार: Pixabay)

3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है. इसका उद्देश्य बोलने और लिखने की आजादी है. दुनियाभर के पत्रकारों द्वारा ये दिन मनाया जाता है.

Written by:Sneha
Published: May 02, 2023 01:14:14 New Delhi, India

World Press Freedom Day 2023: भारत में अक्सर प्रेस की स्वतंत्रता पर बात होती है लेकिन इसका दौर कहीं ना कहीं खो सा गया है. 3 मई के दिन विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस इसी लिए मनाया जाता है जिससे पत्रकार को लिखने और बोलने की संपूर्ण आजादी हो. विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर भारत में भी प्रेस (Indian Press) की स्वतंत्रता पर बातचीत होती है. प्रेस दुनिया में खबरें पहुंचाने का बेहतरीन माध्यम बन चुका है. भारत में की स्वतंत्रता भारतीय संविधान के अनुच्छेद-19 में भारतीयों को अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार दिए गए. चलिए आपको बताते हैं कि विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य क्या है?

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विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाया जाता है? (World Press Freedom Day 2023)

UNESCO ने साल 1997 में हर साल 3 मई को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस मनाने का ऐलान किया. इस मौके पर गिलेरमो कानो वर्ल्ड फ्रीडम प्राइज भी पत्रकारों को दिया जाता है. इस पुरस्कार का हकदार वो होता है जो संस्थान प्रेस की स्वतंत्रता के लिए उल्लेखनीय काम करता है. साल 1997 से अब तक भारत के किसी भी पत्रकार को ये पुरस्कार नहीं मिला है जिसकी वजह कई वरिष्ठ पत्रकार पश्चिम और भारत में पत्रकारिता के मानदंडों को माना जाता है. भारतीय पत्रकारिता में हमेशा विचार भारी पड़ते हैं जबकि पश्चिम में तथ्यात्मकता पर जोर देते हैं. भारतीय पत्रकारिता में भारी कमी पाई जाती है क्योंकि यहां पर पूर्णरूप से लिखने और बोलने की आजादी नहीं मिल पाती है.

पत्रकारों में है आत्मविश्वास की कमी

प्रेस समाज का आईना होता है ये बात सभी जानते हैं. प्रेस की आजादी से यह बात साबित तो होती है लेकिन कहीं ना कहीं पत्रकार उस संस्थान के हाथों मजबूर होता है जहां वो काम करता है. अगर पत्रकार खुद पर निर्भर हो तो बोलने में जरा भी नहीं कतराता और जो कतराता है वो पत्रकार की श्रेणी में आने के लायक नहीं होता. प्रेस और मीडिया हमारे आस-पास होने वाली घटनाओं से हमें अवगत तो कराते हैं लेकिन जिन चीजों के लिए जागरुक कराना होता है वो नहीं कराते. इसलिए ऐसा माना जाता है कि भारत में पत्रकारों के आत्मविश्वास में कमी आ जाती है.

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