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2 years ago .New Delhi, Delhi, India

Mount Everest पर विंग कमांडर विक्रांत उनियाल ने लहराया तिरंगा, देखें वीडियो

देहरादून के विंग कमांडर विक्रांत उनियाल पर्वतारोही हैं. जिन्होंने नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तककाशी सेना पर्वतारोहण संस्थान सियाचिन और राष्ट्रीय पर्वतारोहण संस्थान अरुणाचल प्रदेश से प्रशिक्षण लिया और एवरेस्ट अभियान की शुरुआत 15 अप्रैल 2022 को काठमांडू नेपाल से शुरू की.

Written by:Sneha
Published: May 30, 2022 05:00:02 New Delhi, Delhi, India

प्रयागराज के मध्य वायु में तैनात विंग कमांडर विक्रांत उनियाल ने वर्ल्ड की सबसे ऊंची चोड़ी माउंट एवरेस्ट जो कि 8848 मीटर पर है वहां तिरंगा लहराया है. उन्होंने माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई 36 दिनों में पूरी की और बड़ा कीर्तिमान हासिल किया और विंग कमांडर ने अपनी कामयाबी को उन सभी गुमनाम नायकों और आंदोलनकारियों को समर्पित किया जो भारत की आजादी में बड़ा योगदान दे चुके हैं. विंग कमांडर विक्रांत उनियाल ने ऐसा करके दुनियाभर में भारत का नाम रोशन किया है और ये हर भारतीय के लिए गर्व की बात होगी.

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विंग कमांडर विक्रांत उनियाल ने लहराया तिरंगा

ANI के मुताबिक, ‘भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर विक्रांत उनियल ने माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की और राष्ट्रगान गाया. उन्होंने 21 मई को माउंट एवरेस्ट की चोटी पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया.’

देहरादून के रहने वाले विक्रांत उनियाल ना सिर्फ एक विंग कमांडर हैं बल्कि पर्वतारोही भी हैं. नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी, सेना पर्वतारोहर संस्थान सियाचिन और राष्ट्रीय पर्वतारोहण संस्थान अरुणाचल प्रदेश से पर्वतारोहण की शिक्षा ली और 15 अप्रैल, 2022 को काठमांडू से अपने इस अभियान की शुरुआत की थी. इस अभियान में उनके कुछ साथी दूसरे देश के थे और भारत से वे अकेले थे. टीम को इलाके की कठिनाई के अलावा कई चैलेंजेस का सामना करना पड़ा और पहाड़ पर पारा दिन के समय माइन 10 से 20 सेल्सियस के बीच रहता था. फिर भी इतनी कठिनाई के बाद विंग कमांडर ने वो कर दिखाया जो भारत का नाम रोशन कर गया.

दैनिक जागरण के मुताबिक, रात के समय वहां का पारा बहुत गिर जाता था और घातक हिपात के अलावा बर्फ की संरचना लगातार बदल रही थी. ऊंचाई पर फेफड़ों को पर्याप्त ऑक्सीजन भी नहीं मिल रहा था और पर्यावरण का अस्तित्व प्रतिकूल रहा है. आजादी का अमृत महोत्सव के समय विक्रांत ने माउंट एवरेस्ट की चोटी पर तिरंगा लहराया तो हर भारतीय को गर्व महसूस हुआ.

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