टॉर्पीडो विध्वंसक प्रणाली ‘मारीच’ भारतीय नौसेना में शामिल
- 'मारीच' टॉर्पीडो विध्वंस प्रणाली से लैस है.
- ये टॉर्पीडो हमले को विफल करने में नौसेना की मदद करेगी.
- टॉर्पीडो का पता लगाकर नष्ट करने में सक्षम है.
भारतीय नौसेना ने शुक्रवार को कहा कि इसने स्वदेश निर्मित उन्नत टॉर्पीडो विध्वंसक प्रणाली ‘मारीच’ को अपने बेड़े में शामिल कर लिया है जो अग्रिम मोर्चे के सभी युद्धपोतों से दागी जा सकती है.
यह प्रणाली किसी भी टॉर्पीडो हमले को विफल करने में नौसेना की मदद करेगी. रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित ‘मारीच’ प्रणाली हमलावर टॉर्पीडो का पता लगाने, उसे भ्रमित करने और नष्ट करने में सक्षम है.
नौसेना ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘निर्दिष्ट नौसैन्य मंच पर लगे इस प्रणाली के प्रतिरूप ने सभी प्रायोगिक मूल्यांकन परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे कर लिए थे और नौसैन्य स्टाफ मानदंड आवश्यकताओं के अनुरूप सभी विशेषता प्रदर्शनों पर यह खरी उतरी थी.’’
इसमें कहा गया कि ‘मारीच’ को शामिल किया जाना स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी के विकास की दिशा में न सिर्फ नौसेना और डीआरडीओ के संयुक्त संकल्प का साक्ष्य है, बल्कि यह सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल तथा प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भर बनने के देश के संकल्प की दिशा में एक बड़ा कदम है.
नौसेना ने कहा कि रक्षा उपक्रम भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा इस विध्वंसक प्रणाली का उत्पादन किया जाएगा. इसने कहा, ‘‘अग्रिम पंक्ति के सभी युद्धपोतों से दागे जाने में सक्षम उन्नत टॉर्पीडो विध्वंसक प्रणाली मारीच के लिए एक करार पर पहुंचने के साथ आज भारतीय नौसेना को पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता में बड़ी मजबूती हासिल हुई है.’’
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