देश की ताकत अब और बढ़ गई है जब पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट करियर आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) भारतीय नौसेना (Indian Navy) में शामिल कर दिया गया है. यह देश में बनाया गया अब तक का सबसे बड़ा युद्धपोत है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आईएनएस विक्रांत के नौसेना में शामिल होने का एक वीडियो अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है. इसके साथ ही पीएम मोदी ने कैप्शन में लिखा,“वह शब्दों में गर्व की भावना व्यक्त नहीं कर सकते हैं.”
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पीएम मोदी ने आईएनएस विक्रांत के कमीशन का वीडियो (INS Vikran Video) अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से शेयर करते हुए लिखा, “भारत के लिए एक ऐतिहासिक दिन! कल आईएनएस विक्रांत पर जो मैं गर्व की अनुभूति कर रहा था, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है.
देखें वीडियो-
पीएम मोदी ने शुक्रवार (02 सितम्बर) को केरल के कोच्चि (Kochi) में एक समारोह में स्वदेशी विमानवाहक पोत INS विक्रांत (INS Vikrant) भारत के समुद्री इतिहास में अब तक के सबसे बड़े और सबसे जटिल युद्धपोत को भारतीय नौसेना (Indian Navy) में शामिल किया.
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स्वदेशी विमानवाहक पोत का नाम इसके शानदार पूर्ववर्ती, भारत के पहले विमानवाहक पोत के नाम पर रखा गया है, जिसने 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इसमें बड़ी मात्रा में स्वदेशी उपकरण और मशीनरी है, जिसमें देश के प्रमुख औद्योगिक घरानों के साथ-साथ 100 से अधिक MSME शामिल हैं
आईएनएस विक्रांत की क्या है कीमत
आईएनएस विक्रांत की कीमत 20 हजार करोड़ रुपये हैं. इसका वजन 40 हजार टन है. वहीं, इसकी लंबाई की बात करें तो यह 262 मीटर है जबकि इसकी चौड़ाई 62 मीटर है. INS विक्रांत की कुल केबल बिछाने की लंबाई 2400 किमी है जो कोच्चि और दिल्ली के बीच की दूरी के बराबर है. विमानवाहक पोत के 2,300 डिब्बों में 1,700 नाविकों के लिए जगह है, साथ ही महिला अधिकारियों के लिए विशेष केबिन भी हैं.
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इसमें लगी स्टील भी स्वदेशी है
आईएनएस विक्रांत भारत का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर है. जो भारत में बना सबसे बड़ा युद्धपोत है. INS विक्रांत के हर भाग की अपनी एक खूबी है, एक ताकत है, अपनी एक विकासयात्रा भी है. ये स्वदेशी सामर्थ्य, स्वदेशी संसाधन और स्वदेशी कौशल का प्रतीक है. इसके एयरबेस में जो स्टील लगी है, वो स्टील भी स्वदेशी है.