Home > सुप्रीम कोर्ट ने देशद्रोह कानून पर लगाई रोक, समीक्षा तक नहीं दर्ज होंगे केस
opoyicentral
Opoyi Central

2 years ago .New Delhi, Delhi, India

सुप्रीम कोर्ट ने देशद्रोह कानून पर लगाई रोक, समीक्षा तक नहीं दर्ज होंगे केस

  • सुप्रीम कोर्ट ने देशद्रोह कानून पर रोक लगाई है. 
  • केंद्र-राज्यों से IPC 124A के तहत कोई भी FIR दर्ज करने से परहेज करने का आग्रह किया.
  • मौजूदा आरोपी भी जमानत के लिए दें सकते हैं अर्जी. 

Written by:Akashdeep
Published: May 11, 2022 06:42:23 New Delhi, Delhi, India

देश के उच्चतम न्यायलय सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राजद्रोह कानून (Sediton Law) के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. कोर्ट ने केंद्र सरकार को आईपीसी की धारा 124ए के प्रावधानों पर फिर से विचार करने और पुनर्विचार करने की अनुमति दी है जो देशद्रोह के अपराध को अपराध बनाती है. सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि जब तक इस कानून के पुनर्विचार की प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, तब तक 124ए के तहत कोई मामला दर्ज नहीं होगा.

यह भी पढ़ें: राजस्थान के भीलवाड़ा में युवक की हत्या के बाद तनाव, इंटरनेट सेवाएं बंद

सुप्रीम कोर्ट ने देशद्रोह कानून पर रोक लगाई है. केंद्र और राज्यों से आईपीसी की धारा 124ए के तहत कोई भी प्राथमिकी दर्ज करने से परहेज करने का आग्रह किया है.

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि अगर देशद्रोह के मामले दर्ज किए जाते हैं, तो पक्ष अदालत का दरवाजा खटखटाने के लिए स्वतंत्र हैं और अदालत को इसका तेजी से निपटान करना होगा. 

सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र (हनुमान चालीसा जाप मामला) जैसे मामलों में इसके दुरुपयोग का आरोप लगाने वाली याचिकाओं का हवाला देते हुए कहा कि सरकार के कानून पर पुनर्विचार करने तक सभी लंबित मामलों को स्थगित रखा जाएगा. कोर्ट ने कहा कि यदि कोई नया मामला दायर किया जाता है, तो आरोपित लोग अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं. 

यह भी पढ़ें: 11 May को क्यों मनाया जाता है National Technology Day? इतिहास, महत्व जानें

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि देशद्रोह के आरोपों के संबंध में सभी लंबित मामले, अपील और कार्यवाही को स्थगित रखा जाना चाहिए. अदालतों द्वारा अभियुक्तों को दी गई राहत जारी रहेगी, प्रावधान की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए जुलाई का तीसरा सप्ताह तय किया गया है, तब तक केंद्र के पास प्रावधान की फिर से जांच करने की कवायद शुरू करने का समय होगा. 

इससे पहले सुनवाई के दौरान केंद्र ने सुझाव दिया था कि देशद्रोह के अपराध में प्राथमिकी दर्ज करने की निगरानी के लिए पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी को जिम्मेदार बनाया जा सकता है.

पीठ ने मंगलवार को केंद्र से पहले से दर्ज नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए लंबित देशद्रोह के मामलों को 24 घंटे के भीतर स्पष्ट करने और औपनिवेशिक युग के दंड कानून की सरकार के पुनर्विचार तक नए मामले दर्ज नहीं करने पर अपना रुख स्पष्ट करने को कहा था.

यह भी पढ़ें: चक्रवात Asani के कमजोर पड़ने की संभावना, लेकिन आईएमडी ने अलर्ट रहने की दी सलाह

Related Articles

ADVERTISEMENT

© Copyright 2023 Opoyi Private Limited. All rights reserved