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लाला लाजपत राय की 156वीं जयंती पर पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि, जानें उनसे जुड़ी 10 रोचक बातें

  • 28 जनवरी, 1865 को लाला लाजपत राय का जन्म हुआ था.
  • पीएम मोदी ने उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि दी है.
  • 17 नवंबर, 1928 को लाहौर में लाला लाजपत राय का निधन हुआ था.

Written by:Sneha
Published: January 28, 2021 05:38:48 New Delhi, Delhi, India

भारत की आजादी में अहम किरदार निभाने वाले स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय की आज 156वीं जयंती है और इस मौके पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रद्धांजलि दी है. पीए मोदी ने लिखा, ‘महान स्वतंत्रता सेनानी पंजाब केसरी लाला लाजपत राय को उनकी जन्म-जयंती पर कोटि-कोटि नमन.’ लाला लाजपत राय के जीवन से जुड़ी ये बातें आपको जाननी चाहिए.

लाला लाजपत राय के जीवन से जुड़ी 10 बातें

  1. पंजाब के गांव धुड़की में 28 जनवरी, 1865 को लाला लाजपत राय का जन्म सरकारी स्कूल के शिक्षक मुंशी राधा कृष्ण अग्रवाल के घर हुआ था. इनके पिता फारसी और उर्दू के बेहतरीन ज्ञानी थे.
  2. लाला जी के पिता का ट्रांसफर हरियाणा के रेवरी में हो गया था, इस वजह से उनकी शुरुआती पढ़ाई वहीं हुई. आगे की पढ़ाई इन्होंने हिसार से की और यहीं से वकालत भी शुरू की. लाला जी ने राष्ट्रवादी दयानंद वेदिक स्कूल की स्थापना की और आर्य समाज की स्थापना करने वाले दयानंद सरस्वती के शिष्य बन गए.
  3. पंजाब नेशनल बैंक की स्थापना में लाला जी ने अहम भूमिका निभाई थी. साल 1892 में हाई कोर्ट में वकालत करने लाल जी लाहौर चले गए. बचपन से ही उनके मन में देश सेवा की भावना रही है. उन्होंने तभी प्रण लिया था कि अंग्रेजों से देश को आजाद करके रहेंगे.
  4. जब देश की स्थिति खराब होती जा रही थी तब उन्होंने वकालत छोड़ दी और देश को आजाद कराने में अपनी ताकत झोंकने लगे. साल 1914 में वह ब्रिटेन गए और साल 1917 में यूएसए गए. साल 1917 के अंत में उन्होंने न्यू यॉर्क में इंडियन होम रूल लीग की स्थापना की और साल 1920 तक अमेरिका में ही रहे. 
  5. साल 1920 में लाला लाजपत राय अमेरिका से कोलकाता लौटे तो कांग्रेस के खास सत्र की अध्यक्षता करने उन्हें आमंत्रित किया गया. जलियांवाला बाग हत्याकांड के खिलाफ उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ उग्र आंदोलन किया और साल 1920 में ही गांधी जी ने असहयोग आंदोलन किया तो पंजाब से लालाजी ने इसका नेतृत्व किया.
  6. गांधी जी ने चौरा-चौरी घटना के बाद आंदोलन को वापस लेने का फैसला लिया तो उन्होंने इस फैसले का विरोध किया और फिर कांग्रेस इंडिपेंडेंस पार्टी की स्थापना की.
  7. साल 1928 में संवैधानिक सुधारों पर चर्चा के लिए साइमन कमिशन भारत आया. कमिशन में कोई भारतीय प्रतिनिधि नहीं हुआ तो भारतीय नागरिकों का गुस्सा भड़क गया. देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हुए और लाला लाजपत राय इसमें आगे आए.
  8. 30 अक्टूबर, 1928 को लालाजपत राय लाहौर में साइमन कमिशन के आने का विरोध करने के लिए एक शांतिपूर्ण जुलूस निकाल लेकिन पुलिस अधीक्षक जेम्स ए. स्कॉट ने मार्च को रोकने के लिए लाठी चार्च का आदेश दिया. पुलिस ने इस दौरान लाला लाजपत राय को निशाना बनाते हुए उनकी छाती पर मारा.
  9. इस घटना में लाला जी बुरी तरह जख्मी हो गए और 17 नवंबर, 1928 को हार्ट अटैक से उनका निधन हो गया था. उनके अनुयायियों ने इसके लिए पूरी तरह से ब्रिटिश सरकार को दोषी ठहराया और जगह-जगह सरकार के खिलाफ युवाओं ने आवाज उठाई.
  10. साइमन कमीशन के विरोध के समय लाला जी को बुरी तरह जख्मी कर दिया गया था. उस समय लाला जी ने कहा कि उनके शरीर पर मारी गई लाठियां हिंदुस्तान में ब्रिटिश राज के लिए ताबूत की आखिरी कील साबित होगी.

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