कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद: मामले में दायर वाद को किया गया सुरक्षित
- मथुरा जिले की अदालत में शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग रखी गई है.
- अदालत द्वारा 6 फरवरी को फैसला सुनाए जाने की संभावना है.
- श्रीकृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ जमीन का मालिकाना हक मांगा गया है.
उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले की अदालत ने शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने एवं कटरा केशव देव मंदिर के आसपास की 13.37 एकड़ की जमीन पर मालिकाना हक के लिए दायर नए दीवानी मामले को स्वीकार करने पर बृहस्पतिवार को फैसला सुरक्षित रख लिया. अदालत द्वारा 6 फरवरी को फैसला सुनाए जाने की संभावना है.
पवन कुमार शास्त्री उर्फ पवन कुमार गोस्वामी ने स्वयं को कटरा केशवदेव विराजमान का प्रतिनिधि बताते हुए दो फरवरी को श्रीकृष्ण जन्मभूमि की सम्पूर्ण 13.37 एकड़ भूमि पर दावा जताते हुए उक्त भूमि दिलाने तथा शाही ईदगाह को मौजूदा स्थल से हटाने का अनुरोध किया था.
जिला शासकीय अधिवक्ता शिवराम सिंह तरकर ने बताया कि ठा. केशवदेव महाराज विराजमान मंदिर कटरा केशवदेव द्वारा सेवायत पवन कुमार शास्त्री के माध्यम से सिविल जज (प्रवर वर्ग) की अदालत में वाद दाखिल किया गया है. उन्होंने कहा कि यह चौथा दावा है, इसमें श्रीकृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ जमीन का मालिकाना हक मांगा गया है.
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गुरुवार को इस मामले को स्वीकार करने अथवा नहीं करने को लेकर अदालत में बहस होनी थी, लेकिन न्यायाधिकारी छाया शर्मा के अवकाश पर होने के कारण इस मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश देवकांत शुक्ला की अदालत में की गई. इसमें वादी पवन कुमार के अधिवक्ता आरएस भारद्वाज ने अपने मुवक्किल की ओर से दावा पेश किया. अदालत ने इस मामले में वाद स्वीकार करने अथवा नहीं करने पर फैसला देने के लिए छह फरवरी की तारीख तय की है.
गौरतलब है कि इससे पूर्व इस प्रकृति के तीन अन्य मामले पेश किए जा चुके हैं, जिनमें से केवल एक वाद ही स्वीकार किया गया है जिसे श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन समिति के अध्यक्ष महेन्द्र प्रताप सिंह की ओर से दाखिल किया गया था.
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