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3 years ago .Allahabad, Uttar Pradesh, India

गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करें, गौ सुरक्षा को मौलिक अधिकार बनाएं: इलाहाबाद हाई कोर्ट

  • हाई कोर्ट ने कहा कि गौरक्षा सिर्फ किसी एक धर्म की जिम्मेदारी नहीं. 
  • कोर्ट ने कहा कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए. 
  • कोर्ट ने ये भी कहा कि गाय को बचाने की बात करने वाले बन जाते गौ भक्षक. 

Written by:Akashdeep
Published: September 02, 2021 04:41:34 Allahabad, Uttar Pradesh, India

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बुधवार को कहा कि संसद को गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने और इसे नुकसान पहुंचाने वालों को दंडित करने के लिए कानून बनाना चाहिए. कोर्ट ने केंद्र सरकार से इसे कानून बनाने पर विचार करने को कहा. साथ ही कोर्ट ने गौ सुरक्षा को मौलिक अधिकार बनाया जाने की बात कही. 

इस बात पर जोर देते हुए कि पशु भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, अदालत ने कहा कि मौलिक अधिकार न केवल गोमांस खाने वालों का है, बल्कि उन लोगों का भी है जो गायों की पूजा करते हैं और इस पर आर्थिक रूप से निर्भर हैं.

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अदालत ने संभल जिले के जावेद को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा, “जीवन का अधिकार मारने के अधिकार से ऊपर है और गोमांस खाने के अधिकार को कभी भी मौलिक अधिकार नहीं माना जा सकता है.”

अदालत ने कहा, “आवेदक का यह पहला अपराध नहीं है। इस अपराध से पहले भी उसने गोहत्या की थी, जिससे समाज में सौहार्द बिगड़ गया था.” अदालत ने कहा कि अगर आरोपी को बेल दी गई तो वह फिर अपराध करेगा. 

हाई कोर्ट ने आगे कहा कि यह केवल हिंदू ही नहीं हैं जिन्होंने गायों के महत्व को समझा है, मुस्लिम शासकों ने भी अपने शासनकाल के दौरान इसे भारत की संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना था. अदालत ने कहा कि उदाहरण के लिए, बाबर, हुमायूं और अकबर ने अपने धार्मिक त्योहारों में गायों की बलि पर रोक लगा दी थी. 

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हाई कोर्ट ने कहा कि मैसूर के शासक हैदर अली ने गोहत्या को दंडनीय अपराध बनाया. कोर्ट ने कहा कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए क्योंकि जब किसी देश की संस्कृति और आस्था को ठेस लगती है तो देश कमजोर हो जाता है.

कोर्ट ने कहा कि सरकार को गौशाला चलाने वालों के इन लोगों के खिलाफ भी कानून लाना चाहिए जिनका मकसद जानवरों की सुरक्षा के नाम पर सिर्फ पैसा कमाना है.

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