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2 years ago .New Delhi, Delhi, India

Guru Nanak Jayanti पर ऐसे लिखें निबंध, पढ़ने वाला कहेगा भाई वाह!

  • गुरु नानक देव की जयंती कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है.
  • इस दिन गुरुद्वारों में कीर्तन और लंगरों का आयोजन किया जाता है.
  • गुरु नानक जी के जन्मदिन को ही गुरुनानक जयंती के रूप में मनाया जाता है.

Written by:Ashis
Published: November 03, 2022 01:05:19 New Delhi, Delhi, India

Guru Nanak Jayanti Nibandh in Hindi: भारत में गुरु नानक जयंती काफी धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है. इस बार Guru Nanak Jayanti 8 नवंबर को मनाई जाएगी. गुरुनानक जयंती, गुरु नानक जी के जन्मदिन के उपलक्ष में मनाई जाती है. इस दिन गुरुद्वारे में विभिन्न प्रकार के भजन कीर्तन और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. जिसमें सिख धर्म के मानने वाले लोग सम्मिलित होकर ध्यान होकर गुरु नानक जी से प्रार्थना करते हैं कि उनके ऊपर विशेष कृपा उनकी बनी रहे और उनका कल्याण हो. ऐसे में आप लोगों के मन में सवाल आएगा कि गुरु जयंती पर एक बेहतरीन निबंध हिंदी में कैसे लिखें, अगर आप नहीं जानते हैं कि गुरु नानक जयंती पर निबंध कैसे लिख सकते हैं, तो चलिए हम आपको बताने वाले हैं.

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गुरु नानक जयंती पर निबंध हिंदी में Guru nanak Jayanti Nibandh

गुरु नानक देव की जयंती कार्तिक मास की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है. इस पावन अवसर पर सिख समुदाय के लोग सुबह से प्रभात फेरी निकालते हैं और साथ में एक गुरुद्वारे में कीर्तन और लंगरों का आयोजन किया जाता है. गुरु नानक जयंती को प्रकाश पर्व भी कहा जाता है. इसकी प्रमुख वजह है कि इसी दिन सिख धर्म के प्रथम गुरु गुरु नानक जी का जन्म हुआ था. उनके जन्मदिन के अवसर को नानक जयंती के रूप में मनाया जाता है. हर तरफ हर्षोल्लास का माहौल होता है. 

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गुरु नानक जी ने मानवता की भलाई और रक्षा के लिए अपना घर के साथ सबकुछ त्याग दिया और लगातार 24 सालों तक देश के और भी देश के कोने कोने में उन्होंने भ्रमण किया. ताकि लोगों को मानवता की सच्ची परिभाषा समझा सकें. उन्होंने सभी को मानवता का पाठ पढ़ाते हुए, प्रेम से एक दूसरे के साथ जीवन जीने का तरीका बताया. गुरुनानक जी ने कभी भी भेदभाव नहीं किया, उनका मानना था कि हम सभी लोग ईश्वर की संतान है और यहां पर ना कोई छोटा है और ना कोई बड़ा है. इसके साथ ही उन्होंने अपने इन सुंदर विचारों को लोगों के बीच पहुंचाने के लिए अनवरत संघर्ष किया और इसके साथ ही उन्होंने सिख धर्म की स्थापना की. यही कारण है कि उन्हें सिख धर्म का प्रथम गुरु कहा जाता है. इसके अलावा उन्होंने समाज में व्याप्त अंधविश्वास और कुरीतियों का पुरजोर विरोध किया और लोगों को जागरूक करने के लिए भी काफी मेहनत की. गुरुनानक जी का योगदान कभी भी भुलाया नहीं जा सकता है.

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