Home > सिख धर्म के 10 गुरु कौन थे? इनके बारे में जानें
opoyicentral
आज की ताजा खबर

2 years ago .New Delhi, Delhi, India

सिख धर्म के 10 गुरु कौन थे? इनके बारे में जानें

  • गुरु नानक देव जी के जन्मदिन को प्रकाश पर्व के नाम से भी जाना जाता है
  • गुरु नानक देव जी का जन्म कार्तिक पूर्णिमा के दिन तलवंडी ननकाना साहिब में हुआ था
  • गुरु नानक देव जी को सिख धर्म का संस्थापक माना जाता है

Written by:Gautam Kumar
Published: November 07, 2022 04:09:42 New Delhi, Delhi, India

गुरु नानक जयंती (Guru Nanak Jayanti) का पर्व हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को
मनाया जाता है. यह जयंती सिख (सिख) धर्म के अनुयायियों के लिए बेहद खास है. इसी कारण इसे
गुरु पर्व या प्रकाश पर्व के नाम से भी जाना जाता है. क्योंकि इसी दिन गुरु नानक
देव का जन्म हुआ था. आइए
जानते हैं सिख धर्म के 10 गुरुओं
के बारे में.

यह भी पढ़ें: क्या था 1984 दंगा? आखिर क्यों इसे सिख नहीं भूल पाते

गुरु नानक देव जी

सिख धर्म के प्रवर्तक गुरु नानक देव का जन्म 15 अप्रैल 1469 को ‘तलवंडी’ नामक जगह पर हुआ था. उनके पिता का नाम कल्याणचंद या मेहता कालू जी और माता का नाम तृप्ता था. नानक जी के जन्म के बाद तलवंडी का नाम ननकाना पड़ा. वर्तमान में यह जगह पाकिस्तान में है.

गुरु अंगद देव जी

गुरु अंगद देव सिखों के दूसरे गुरु थे. गुरु नानक देव ने अपने दो पुत्रों को छोड़ दिया और गुरु अंगद देव को अपना उत्तराधिकारी बनाया. उनका जन्म 31 मार्च, 1504 को फिरोजपुर, पंजाब में हुआ था. उनके पिता का नाम फेरू जी था, जो पेशे से एक व्यापारी थे. उनकी माता का नाम माता रामो जी था.

गुरु अमर दास जी

गुरु अमर दास गुरु अंगद देव के बाद सिख धर्म के तीसरे गुरु बने. उनका जन्म 23 मई 1479 को अमृतसर के एक गांव में हुआ था. उनके पिता का नाम तेजभान और माता का नाम लखमी था. उन्होंने 61 वर्ष की आयु में गुरु अंगद देव जी को अपना गुरु बनाया और लगातार 11 वर्षों तक उनकी सेवा की.

गुरु रामदास जीग

गुरु अमरदास के बाद, गुरु रामदास गद्दी पर बैठे और सिख धर्म के चौथे गुरु बने. उन्होंने 1574 ई. में गुरु का पद ग्रहण किया. वह 1581 ई. में इस पद पर थे. उनका जन्म लाहौर में हुआ था. जब गुरु रामदास बचपन में थे तब उनकी माता की मृत्यु हो गई थी.

गुरु अर्जन देव जी

गुरु अर्जन देव सिखों के पांचवें गुरु थे. उनका जन्म 25 अप्रैल, 1563 को हुआ था. वह सिख धर्म के चौथे गुरु राम दास देव जी के पुत्र थे.वो 1581 ई. में गद्दी संभाली. सिख गुरुओं ने बलिदान देकर मानवता की रक्षा के लिए परंपरा स्थापित की.

यह भी पढ़ें: क्या है बैसाखी के त्योहार का इतिहास, महत्व और मनाने का तरीका? जानिए सब कुछ

गुरु हरगोबिन्द सिंह जी

गुरु हरगोबिंद सिंह सिखों के छठे गुरु बने. वह सिखों के पांचवें गुरु अर्जन देव के पुत्र थे. यह गुरु हरगोबिंद सिंह थे जिन्होंने सिखों को हथियार प्रशिक्षण लेने के लिए प्रेरित किया और सिख संप्रदाय को एक योद्धा चरित्र दिया.

गुरु हर राय जी

गुरु हर्राई का सिखों के सातवें गुरु बने. इनका जन्म 16 जनवरी 1630 ई. मेरा जन्म पंजाब में हुआ था. गुरु हर राय जी सिख धर्म के छठे गुरु के पुत्र बाबा गुरदिता जी के छोटे पुत्र थे. उनकी शादी किशन कौर से हुई थी. उनके दो बेटे थे, गुरु राम राय जी और हरकिशन साहिब जी.

गुरु हरकिशन साहिब जी

गुरु हरकिशन साहिब सिखों के आठवें गुरु थे. उनका जन्म 17 जुलाई 1656 को किरतपुर साहिब में हुआ था. उन्हें बहुत कम उम्र में गद्दी मिली थी. इसका मुगल बादशाह औरंगजेब ने विरोध किया था.

यह भी पढ़ें:Guru Nanak Jayanti पर ऐसे लिखें निबंध, पढ़ने वाला कहेगा भाई वाह!

गुरु तेग बहादुर सिंह जीग

गुरु तेग बहादुर सिंह का जन्म 18 अप्रैल, 1621 को पंजाब के अमृतसर शहर में हुआ था. वह सिखों के नौवें गुरु बने. वह सिख धर्म के छठे गुरु, हरगोबिंद सिंह और माता नानकी के पुत्र थे.

गुरु गोबिंद सिंह

गुरु गोबिंद सिंह को गुरु के रूप में सिखों का दसवां और अंतिम अवतार माना जाता है. उनका जन्म 22 दिसंबर 1666 को पटना में हुआ था. वह नौवें गुरु तेग बहादुर के पुत्र थे. उन्हें 9 साल की उम्र में गुरु गद्दी मिल गई थी.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.

Related Articles

ADVERTISEMENT

© Copyright 2023 Opoyi Private Limited. All rights reserved